उत्तर प्रदेश। यूपी शामली जिले में रविवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई यहां एक बीजेपी नेता ने निकाय चुनाव में मेयर का टिकट नहीं मिलने से दुखी होकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी।दीपक सैनी ने पिछले निकाय चुनाव में 19 वर्ष की कम उम्र में ही भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़कर जीता था। इस बार टिकट नहीं मिलने से उसने आत्महत्या कर ली।
सभासद के लिए आवेदन दिया….
कांधला के मोहल्ला रायजादगान निवासी दीपक पर वर्तमान में भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में जिला शोध प्रमुख की जिम्मेदारी थी। वर्ष 2017 में पिछला निकाय चुनाव दीपक ने भाजपा के सिंबल पर वार्ड-3 से लड़ा था। इस बार उसने चेयरमैन पद के लिए दावेदारी की, लेकिन पार्टी से उम्र कम होने की वजह से मना कर दिया गया। जिसके बाद दीपक ने वार्ड-1 से सभासद पद के लिए पार्टी को आवेदन दिया। वार्ड-3 इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी।
इसी वजह से दीपक को अपना चुनाव लड़ने के लिए अपना वार्ड बदलना पड़ा। रविवार को सूची जारी होने से पूर्व दीपक मंदिर में पूजा-पाठ करने की बात कहकर निकला था। वह मंदिर में था, तभी सूची जारी हो गई। सूची में वार्ड-1 से किसी का भी नाम नहीं था। जिससे दीपक इतना क्षुब्ध हुआ कि उसने तभी बाजार से जहरीला पदार्थ खरीदा और घर आकर उसे पानी में मिलाकर पी गया। परिजन जब तक मेरठ के अस्पताल लेकर पहुंचे, उसकी मौत हो गई।
मां का रो रोकर बुरा हाल…
दीपक की मां प्रेमलता ने बिलखते हुए बताया कि बेटा शाम को घर से मंदिर के लिए निकला था। बोला था कि मां खाना बना लेना, आकर खाऊंगा, सूची जारी होने वाली है। क्या मालूम था कि मेरा बेटा इस दुनिया से ही चला जाएगा। कहा कि हमें चेयरमैनी और मेंबरी नहीं चाहिए, मेरा लाल वापस लौटा दो।बड़े भाई संदीप ने बताया कि चेयरमैन पद का चुनाव लड़ने के लिए वह पूरी मेहनत कर रहा था, लेकिन उम्र की वजह से ऐसा न हो पाने पर वह डिप्रेशन में चला गया था। परिवार ने भाजपा प्रत्याशी नरेश सैनी पर दीपक का टिकट कटवाने के आरोप लगाए।
पार्टी पदाधिकारी बोले जांच होगी….
भाजपा के चेयरमैन प्रत्याशी नरेश सैनी का कहना है कि दीपक बहुत मेहनती और पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ता था। उसकी मृत्यु का बहुत दुख है और परिवार के साथ संवेदनाएं हैं। कल ही उसके घर जाकर परिवार से मिला था। टिकट कटवाने की बात बेबुनियाद हैं। मंडल अध्यक्ष रश्मिकांत जैन का कहना है कि दीपक सैनी का नाम पार्टी के प्रत्याशियों की प्रस्तावित सूची में भेजा गया था। नाम किस स्तर से कटा इसकी जानकारी नहीं है। दीपक के जाने से पार्टी काे बड़ा नुकसान हुआ है।