नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को स्वेच्छा से अपना रजिस्ट्रेशन ऑफ सर्टिफिकेट सौंपने का अनुरोध किया है। इस रणनीतिक कदम के बाद कंपनी को लिस्ट होने की जरूरत नहीं होगी। अगर कंपनी यह कर्ज नहीं चुकाती तो आरबीआई के नियमों के मुताबिक उसे लिस्ट होना पड़ता। लेकिन टाटा संस ने 20,300 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का भुगतान कर दिया। कंपनी की सालाना फाइलिंग के मुताबिक इसमें 363 करोड़ रुपये की राशि के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर और प्रीफेरेंशियल शेयर शामिल नहीं हैं। कंपनी ने इनके लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पास अलग से 405 करोड़ रुपये जमा कर रखे हैं।
टाटा संस का कहना है कि उसने अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र को सरेंडर करने के साथ ही आरबीआई को इस बारे में एक अंडरटेकिंग भी दिया है। टाटा संस के कोर इनवेस्टमेंट कंपनी के रूप में ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने के लिए बैंकों और बाजारों से पैसा उधार लेती है। आरबीआई ने सितंबर 2022 में टाटा संस को एनबीएफसी-अपर लेयर के रूप में क्लासीफाई किया था। आरबीआई के नियमों के तहत एनबीएफसी-यूएल को इस तरह के क्लासिफिकेशन के तीन साल के भीतर लिस्ट होना चाहिए। लेकिन ऋण के भुगतान के बाद प्रमोटर रिस्क प्रोफाइल में भारी कमी आ गई है, इसलिए टाटा संस को लिस्टिंग की आवश्यकता नहीं है। उसने केंद्रीय बैंक से अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र सरेंडर करने की पेशकश की है।
एक शेयर पर 35,000 रुपये का डिविडेंड
टाटा संस ने अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर ₹35,000 का लाभांश किया है जो अब तक का रेकॉर्ड है। दोराबजी टाटा ट्रस्ट 28 फीसदी हिस्सेदारी के साथ टाटा संस में सबसे बड़ा शेयरधारक है। उसके बाद रतन टाटा ट्रस्ट का नंबर है। उसकी कंपनी में 24% हिस्सेदारी है। कंपनी के अन्य शेयरधारकों में स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट, साइरस इन्वेस्टमेंट, टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स और टाटा पावर शामिल हैं। ET द्वारा कंपाइल किए गए आंकड़ों के अनुसार टाटा संस को अपनी 13 लिस्टेड कंपनियों से लगभग ₹24,000 करोड़ का लाभांश प्राप्त हुआ। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्त वर्ष 2024 में टाटा संस को लगभग ₹19,000 करोड़ का लाभांश दिया। इसके बाद टाटा मोटर्स और टाटा स्टील का स्थान रहा, जिन्होंने क्रमशः ₹2,000 करोड़ और ₹1,450 करोड़ का भुगतान किया।
वित्त वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में टाटा संस का शुद्ध लाभ 57% बढ़कर ₹34,654 करोड़ पर पहुँच गया। कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 25% बढ़कर ₹43,893 करोड़ हो गया, जबकि एक साल पहले यह ₹35,058 करोड़ था। इस बारे में टाटा संस ने ईमेल से भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया। 31 मार्च, 2023 तक, टाटा संस पर ₹20,642 करोड़ का शुद्ध ऋण था। हालांकि, 31 मार्च, 2024 तक, कंपनी के पास ₹2,670 करोड़ का कैश था। FY23 में टाटा संस ने अपने ऋण को 25% तक कम कर दिया था। मार्च 2024 में, टाटा संस ने TCS के 23.4 मिलियन शेयर बेचकर लगभग ₹9,300 करोड़ जुटाए।
टीसीएस में हिस्सेदारी
इससे पहले, दिसंबर में, टाटा संस ने बायबैक के दौरान TCS में 29.6 मिलियन शेयर टेंडर करके ₹12,000 करोड़ से अधिक जुटाए थे। हिस्सेदारी बिक्री के बाद TCS में टाटा संस की हिस्सेदारी दिसंबर 2023 में 72.38% से घटकर मार्च 2024 में 71.74% रह गई है। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसने अपने नए और मौजूदा व्यवसायों में पूंजी की आवश्यकता, विकास और अपनी बैलेंस शीट को कम करने के आधार पर निवेश किया है। टाटा संस के लिस्टेड निवेशों का बाजार मूल्य वित्त वर्ष 2024 में 35.7% बढ़कर 15.21 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 11.21 लाख करोड़ रुपये था।