नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फ़रवरी को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 8 फ़रवरी को की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस अवसर पर चुनाव प्रक्रिया से जुड़े तमाम आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि भारत की चुनाव प्रक्रिया “गोल्ड स्टैन्डर्ड” है।
वोटर लिस्ट से नाम हटाने के आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब
आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि चुनाव से पहले दिल्ली में वोटर लिस्ट से कई मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव कुमार ने कहा कि वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया होती है और यह राजनीतिक दलों की सहमति से की जाती है।
ईवीएम पर उठे सवालों को किया ख़ारिज
ईवीएम (EVM) की विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठाने वाले दलों को जवाब देते हुए राजीव कुमार ने कहा कि, “2020 से अब तक हुए 20 विधानसभा चुनावों में 15 बार अलग-अलग दलों ने जीत हासिल की है। इससे स्पष्ट होता है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होते हैं।” उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है कि ईवीएम में किसी प्रकार की गड़बड़ी या हैकिंग नहीं हो सकती है।
मतदान के आंकड़े बढ़ने के आरोपों पर सफाई
कुछ दलों द्वारा मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि प्रक्रिया के दौरान आंकड़े इकट्ठा करने में समय लगता है, जिससे अंतिम आंकड़ों में अंतर दिख सकता है।
राजीव कुमार ने कहा, “मतदान के दिन कतारों के सीसीटीवी फुटेज मांगे जाते हैं, लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि हर जगह से डेटा जुटाने और उसे संकलित करने में समय लगता है। ईवीएम इंटरनेट से जुड़ी नहीं होती, इसलिए प्रक्रिया में समय लग सकता है।”
चुनाव आयोग का दावा – पारदर्शिता बनी रहेगी
राजीव कुमार ने दोहराया कि चुनाव आयोग की प्राथमिकता स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है। उन्होंने कहा कि आयोग पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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