Chaiti Chhath Puja 2024: रोहिणी नक्षत्र-आयुष्मान योग में नहाय-खाय के साथ पर्व आरंभ होगा। चैती छठ का पर्व बिहार के पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में धूमधाम से मनाया जाता है. 12 अप्रैल 2024 शुक्रवार को नहाय खाय का अनुष्ठान है। 13 अप्रैल शनिवार को मृगशिरा नक्षत्र व शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहर रह कर शाम में खरना का पूजा कर गुड़ से बने खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास को लेकर संकल्प लेंगी। 14 अप्रैल रविवार को आर्द्रा नक्षत्र व गर करण योग में व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी।
साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है. कार्तिक मास होने वाला छठ पर्व को कार्तिकी छठ के नाम से जाना जाता है. वहीं चैत्र माह में आने वाली छठ पूजा चैती छठ कहलाती है।इसे यमुना छठ के नाम से भी प्रसिद्ध है. मान्यता है कि इस दिन देवी यमुना पृथ्वी पर प्रकट हुईं थी. इसलिए इसे यमुना के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. कार्तिक माह की तरह चैती छठ में भी स्त्रियां संतान की सलामती के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं. जानें इस साल चैती छठ 2024 की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व।
चैती छठ 2024 तिथि….
चैत्र मास में आने वाले चैती छठ पर्व की शुरुआत 12 अप्रैल 2024 को नहाय खास के साथ होगी और 15 अप्रैल को सूर्य अर्घ्य के साथ इसका समापन होगा।
• नहाय खाय- चैती छठ का पहला दिन (12 अप्रैल 2024)
• खरना- चैती छठ का दूसरा दिन (13 अप्रैल 2024)
• संध्या अर्घ्य- चैती छठ का तीसरा दिन (14 अप्रैल 2024)
• उगते सूर्य को अर्घ्य- चैती छठ अंतिम दिन (15 अप्रैल 2024)
चैती छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान आदि के बाद नए वस्त्र पहनती हैं और साथ ही सात्विक भोजन करती हैं। चैती छठ के दूसरे दिन खरना होता है, इसी दिन से व्रत की शुरुआत होती है जो 36 घंटों तक चलता है। इस दिन दूध-गुड़ वाली खीर और रोटी प्रसाद स्वरूप बनाई जाती है। खास बात है कि इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है। इसके बाद महिलाएं स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य देती हैं। अंतिम दिन उगते सूर्य को जल का अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन हो जाता है।
चैती छठ का महत्व….
भारत में पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ पूजा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि अब इन राज्यों के साथ ही अन्य राज्यों में भी लोग छठ पूजा के महत्व को समझ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। साथ ही ये व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं वो छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही छठ पूजा में सूर्य देव की भी पूजा का विधान है जिनकी कृपा से व्यक्ति को करियर और कारोबार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।