- पब्लिक स्टेटमेंट चैनल ने विभिन्न पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों को एक मंच पर इकठ्ठा कर आन लाइन डिबेट का किया सराहनीय प्रयास
- पत्रकारों ने कहा सच लिखने की वजह से मिलता है फर्जी मुकदमा लेकिन लिखते रहेंगे सच
- पत्रकार , पत्रकार है या नहीं यह बताता है उसका संपादक-श्याम सिंह पवार (पीसीआई सदस्य)
- पुलिस कमिश्नर को पत्रकारों के मुद्दे पर दिया गया प्रेस नोट असंवैधानिक-योगेंद्र अग्निहोत्री एडवोकेट
कानपुर । उत्तर प्रदेश में आए दिन हो रही पत्रकारों की हत्याओं,जानलेवा हमलों व द्वेश भावना के तहत उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लिख कर उन्हें प्रताड़ित करने के मामलों में अप्रत्याशित रूप से हो रही वृद्धि पर विभिन्न पत्रकार संगठनों के युवा क्रांतिकारी पत्रकारों ने चिंता व्यक्त की। आज कानपुर नगर के बाबू पुरवा क्षेत्र स्थित एक रॉयल रेजिडेंसी हाल में आहूत बैठक में मुख्य अतिथि भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया पर मंडराते खतरे के विरूद्ध एकजुट हो उसका मुकाबला करने का आह्वान किया। उन्होंने पत्रकारों की हत्या,जानलेवा हमले व उनके विरुद्ध द्वेष भावना से कायम किए जा रहे फर्जी मुकदमों के विरूद्ध एक जुट होकर आवाज उठाने का भी आह्वान किया। उन्होंने गुटों कुनबों और कबीलों में बंट रहे पत्रकार संगठनों को पत्रकार उत्पीड़न के विरूद्ध एकजुट हो कर आवाज़ उठाने की सलाह दी। पब्लिक स्टेटमेंट चैनल द्वारा सराहनीय पहल कर विभिन्न संगठनों के पत्रकार साथियों को एक मंच पर लाकर पत्रकारों के बेहद संवेदनशील मुद्दों पर एक ऑनलाइन डिबेट कर सार्थक पहल की गई।उपस्थित जनों में मुख्य रूप से धीरेंद्र कुमार गुप्ता, राजेंद्र केसरवानी, उमेश यादव, महेंद्र शुक्ला, सुरेश कुमार,शशिकांत शर्मा, हरिओम द्विवेदी,महेंद्र मिश्रा, योगेंद्र अग्निहोत्री,आशीष कुमार, अभिनेश सिंह,आलम अंसारी, गौरव ,अशोक यादव मुकेश कुमार ,शिवा शर्मा, तिवारी,सारिक,कलीम अंसारी,अमित कुमार,राजेश सिंह,निशा राजपूत,जीत सिंह, चंदन कठेरिया,आसिफ खान दीपा बाजपेई,अशरफ मोहम्मद, वसीम,राशिद खान,जितेंद्र दीक्षित,रमेश सिंह.मिंटू शर्मा,ओमी सक्सेना,शुभम सोनकर,करन ठाकुर,जुनैद, शकील,सावेज आलम,उस्मान अली शाह,अश्वनी कुमार,सोनी वर्मा,सुमन जी आदि लोग रहे.