उत्तर प्रदेश : बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र के भुडिया कॉलोनी चौकी के इंचार्ज दीपचंद रात में पुलिस स्टेशन पर ठसक के साथ बैठे हुए थे. इसी बीच अचानक डीएसपी यशपाल सिंह वहां पर पहुंचे. उन्होंने दरोगा का नाम पूछा और उन्हें तत्काल गिरफ्तार करवा लिया. डीएसपी के एक्शन के बाद चौकी में सन्नाटा पसर गया. आइये जानते हैं पूरा मामला…
बरेली की एंटी करप्शन टीम ने बड़ी कार्रवाई करतए हुए एक सब इंस्पेक्टर को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी सब इंस्पेक्टर दो भाइयों के बीच हुए मुकदमेबाजी में जेल भेजने के नाम पर रिश्वत वसूल रहा था. एंटी करप्शन टीम ने सब इंस्पेक्टर दीपचंद को जेल भेज दिया है. मामला बरेली जिला के थाना बहेड़ी इलाके का है. उत्तराखंड प्रदेश के किच्छा कस्बे के रहने वाले जीशान और दानिश नाम के दो भाइयों के बीच मुकदमेबाजी चल रही है. दोनों ने एकदूसरे के खिलाफ थाना बहेड़ी में मुकदमा दर्ज करवाया. दोनों के मुकदमों की जांच थाना बहेड़ी मैं तैनात सब इंस्पेक्टर दीपचंद कर रहे थे।
दीपचंद थाना बहेड़ी की भुढ़िया पुलिस चौकी के इंचार्ज हैं. सब इंस्पेक्टर दीपचंद ने जीशान को जेल भेजने की धमकी दी. वह डर गया तो इंस्पेक्टर दीपचंद ने उससे 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी और 2 घंटे का समय दिया. कहा कि अगर 2 घंटे के भीतर रुपये लेकर नहीं आए तो तुम्हें जेल भेज देंगे. डरे सहमे जीशान ने बरेली की एंटी करप्शन टीम के डिप्टी एसपी यशपाल सिंह से संपर्क किया. फौरन ही यशपाल सिंह ने सब इंस्पेक्टर दीपचंद को गिरफ्तार करने का प्लान बनाया. बीती रात डीएसपी एंटी करप्शन यशपाल सिंह ने पुलिस चौकी के भीतर ही 50 हजार की रिश्वत लेते हुए सब इंस्पेक्टर दीपचंद को गिरफ्तार कर लिया।
एंटी करप्शन टीम ने ऐसे बिछाया जाल
एंटी करप्शन टीम ने शिकायतकर्ता जीशान को केमिकल लगे 50,000 रुपये के नोटों के साथ चौकी भेजा. जैसे ही दरोगा दीपचंद ने पैसे लिए, एंटी करप्शन टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया और रिश्वत की रकम बरामद कर ली. टीम ने दरोगा के पास से एक मोबाइल फोन, नकद 3,000 रुपये और एक पिस्तौल भी बरामद की. दरोगा के हाथ धोने पर रंग बदलने वाले केमिकल का निकलने लगा।
डीएसपी यशपाल सिंह ने बताया, ‘शिकायतकर्ता जीशान मलिक किच्छा कस्बे का रहने वाला है. उसके परिवार के बीच विवाद है. जीशान के खिलाफ दर्ज धाराओं को हटाने, जेल न भेजने के एवज में दरोगा ने 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. पीड़ित ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया. जांच में आरोप सही पाए गए. एक टीम का गठन करते हुए वैधानिक कार्रवाई की गई और दरोगा को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया।