मुस्लिम पक्ष जाएगा सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश: ज्ञानवापी व्यास तहखाना में इलाहाबाद कोर्ट ने पूजा की इजाजत दी थी। इसके बाद वहां पूजा पाठ शुरू हो गया था। कोर्ट केस फैसले को मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर सोमवार 25 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया। जिसमें उन्होंने आदेश दिया है की पूजा जारी रहेगी।
इधर दूसरी ओर मीडिया में खबर आ रही है कि मुस्लिम पक्षी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
बता दें कि इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने भी इस मामले में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ ही मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा था. हालांकि, यहां से भी मुस्लिम पक्ष को निराशा ही हाथ लगी और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदुओं की पूजा का अधिकार सुरक्षित रखा. हालांकि, मुस्लिम पक्ष के पास अभी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है और संभवत: अब मुस्लिम पक्ष का अगला कदम सुप्रीम कोर्ट ही होगा.
पूजा पर स्टे चाहता था मुस्लिम पक्ष
हाईकोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पहले ही फैसला सुरक्षित रख लिया था. अंजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ से वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पूजा पर स्टे लगाने की बात कही गई थी.
मुस्लिम पक्ष ने अदालत से की यह मांग
मुस्लिम पक्ष का दावा था कि डीएम को वाराणसी कोर्ट ने रिसीवर नियुक्त किया है, जो पहले से काशी विश्वनाथ मंदिर के सदस्य हैं. इसलिए उनको नियुक्त नहीं किया जा सकता है. मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा है कि दस्तावेज में किसी तहखाने का जिक्र नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा था कि व्यासजी ने पहले ही पूजा का अधिकार ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया था. उन्हें अर्जी दाखिल करने का अधिकार नहीं है.