कानपुर: कानपुर में लोहे की रॉड एक बुजुर्ग के शरीर के आर-पार हो गई। जिसने भी यह देखा, वह दंग रह गया। दाएं कंधे के नीचे की तरफ रॉड को निकालना ही नहीं बल्कि बुजुर्ग की जान बचाना भी बड़ी चुनौती रही। हैलट के डॉक्टरों ने घंटों चली जटिल सर्जरी के बाद न केवल रॉड निकाली, बल्कि जान भी बचा ली।
जानकारी के अनुसार, जालौन निवासी 65 वर्षीय अलख प्रकाश खरे प्रयागराज से उरई रोडवेज बस से जा रहे थे। विजय नगर चौराहे के पास उनकी बस रविवार शाम करीब सात बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बस की एक लोहे की रॉड अलख प्रकाश के दाएं कंधे के नीचे तेजी से घुसी और आरपार हो गई। यह देखकर बस में सवार लोग शोर मचाने लगे। रॉड इस कदर आरपार हुई थी कि बुजुर्ग बैठ और लेट भी नहीं पा रहे थे। आनन-फानन में उन्हें 108 एंबुलेंस से हैलट लाया गया। फिर इसकी सूचना प्रमुख अधीक्षक डॉ आरके सिंह को दी गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम को दी और सभी से अस्पताल पहुंचने को कहा। कुछ ही देर में डॉक्टरों की टीम पहुंच गई। हालत देखकर पहले रेफर करने के बारे में सोचा गया, लेकिन प्रमुख अधीक्षक ने सर्जरी यहीं पर करने का निर्णय लिया।
कटर से पहले काटी रॉड, फिर सर्जरी सर्जरी से पहले डॉक्टरों ने कटर से कंधे के नीचे आरपार हुई लोहे की रॉड को कटवाया। इसके लिए बाहर से एक व्यक्ति को बुलाया। इसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया। डॉ आरके सिंह की देखरेख में शुरू हुई सर्जरी में डॉ प्रिय शुक्ला, डॉ प्रेमशंकर, डॉ नीरज, डॉ स्वाती, डॉ यामिनी राणा, डॉ अनवर शामिल रहे। करीब दो घंटे तक सर्जरी हुई। प्रधानाचार्य डॉ संजय काला ने डॉक्टरों की उपलब्धि पर प्रसन्नता जताई।
जालौन निवासी बुजुर्ग के दाएं कंधे में घुसी लोहे की रॉड को निकालना हैलट के डॉक्टरों के लिए बड़ी परीक्षा से कम नहीं थी। लोहे की रॉड को निकालते समय डॉक्टरों के सामने चुनौती थी कि कहीं और कोई इंजरी नहीं हो। साथ ही पहले से ही काफी खून बह चुका था। आगे भी खून का बहाव नहीं हो, इसके लिए भी डॉक्टर पूरा जोर लगा रहे थे। इसके लिए डॉक्टरों ने कंधे के नीचे के कुछ हिस्से को और बड़ा किया, जहां रॉड घुसी थी। रॉड लंग्स के बिल्कुल पास यानी लंग्स की झिल्ली से सटकर निकल गई। अगर लंग्स से रॉड टकरा जाती तो स्थिति और भी विकट होती। अब बुजुर्ग को होश आ गया है।
हैलट हॉस्पिटल के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आर.के.सिंह ने बताया कि बुजुर्ग की हालत खराब थी। शरीर के आरपार लोहे की रॉड को निकालना व जान बचाने में डॉक्टर कामयाब रहे। अब बुजुर्ग की हालत खतरे से बाहर है।