नई दिल्ली । दिल्ली न्यायिक व्यवस्था में कार्यरत 300 जजों को सुरक्षा देने के लिए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कंवल जीत अरोड़ा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को पत्र लिखा है। सूत्रों ने बताया कि इनको सुरक्षा मुहैया कराने के लिए लगभग 600 पुलिस कर्मियों की आवश्यकता होगी। पुलिस महकमा यह विचार कर रहा है कि इन पुलिस कर्मियों का बंदोबस्त कहां से किया जाए। ज्ञात हो कि पिछले दिनों सिख फॉर जस्टिस संगठन पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने के बाद विदेश में छिपे गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज को धमकी दी थी।
जानकारी के अनुसार, सितंबर में कंवल जीत अरोड़ा की तरफ से यह पत्र पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को भेजा गया है। इसमें हाईकोर्ट में स्वत: संज्ञान लेकर चलाए गए एक मामले के आदेश का हवाला दिया गया है। इसमें बताया गया है कि जुलाई में हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा का प्रबंध करे। उनके लिए पीएसओ की व्यवस्था की जाए या उन्हें सुरक्षा के लिए अतिरिक्त भुगतान दिया जाए। हाईकोर्ट ने इस पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा था। पत्र में बताया गया है कि दिल्ली में डिस्ट्रिक्ट जज (सुपर टाइम स्केल) के 149 पद और डिस्ट्रिक्ट जज (सलेक्शन ग्रेड) के 165 पद हैं। इन सभी न्यायिक अधिकारियों को पीएसओ उपलब्ध कराया जाए। दिल्ली हाईकोर्ट के जजों के पास दो पीएसओ हैं, इसलिए न्यायिक अधिकारियों को दो पीएसओ उपलब्ध कराने की मांग की गई है। पुलिस कमिश्नर को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पीएसओ मिलने तक अदालत परिसर एवं घर पर न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सूत्रों ने बताया कि इन जजों की सुरक्षा का जिम्मा सिक्योरिटी डिवीजन में तैनात पुलिस कर्मियों को सौंपा जा सकता है। फिलहाल यह विचार किया जा रहा है कि किस तरह से न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए पीएसओ का बंदोबस्त किया जाए।