नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के पहले संसद के सत्र की शुरुआत हो चुकी है। संसद के सत्र के शुरुआत से पहले PM ने मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने संसद के सभी नए सदस्यों का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नई गति और नई ऊंचाई को प्राप्त करने का समय है। संसद का यह गठन भारत के सामान्य मानव के संकल्पों की पूर्ति का है। श्रेष्ठ भारत निर्माण और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य लेकर आज इसके पहल के दिन की शुरुआत हो रही है।
आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका जनता ने दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में हमने जिस परंपरा को लेकर चलने का प्रयास किया है क्योंकि हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति की आवश्यकता होती है। हमारा प्रयास है कि हर किसी की सहमति के साथ हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें।
18वीं लोकसभा के लिए हमारे लिए ख़ुशी की बात है कि युवा सांसदों की संख्या अच्छी खासी है। हम जब 18 की बात करते हैं तो भारत की परंपराओं को जानते हैं, भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं, वे जानते हैं कि हमारे यहां 18 अंक का बहुमत सात्विक मूल्य है। गीता के 18 अध्याय हैं, पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक 9 है, और 9 पूर्णता की गारंटी देता है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है, 18वीं लोकसभा भारत के लिए शुभ संकेत है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और भारत में इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि आज 24 जून है और कल 25 जून है। भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखने वालों के लिए कल का दिन काला दिन है। इसके 50 वर्ष पुरे हो रहे हैं, भारत की नई पीढ़ी इसे कभी नहीं भूलेगी।