पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बिहार में धूमधाम से मनाया जा रहा था, लेकिन इस बार इस पवित्र पर्व के दौरान कुछ दुखद घटनाएं भी घटीं। पटना सहित पूरे राज्य में छठ व्रती गंगा नदी के तट पर उदयाचल और अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे थे, लेकिन इस उत्सव के दौरान विभिन्न स्थानों पर नदी और पोखरों में डूबकर छह लोगों की जान चली गई। ये हादसे पर्व के उत्साह को मातम में बदलने का कारण बने और मृतकों के परिवारों में शोक की लहर दौड़ गई।
मुंगेर में 12 वर्षीय बालक की दर्दनाक मौत
मुंगेर जिले के बेलहरणी नदी घाट पर एक बालक की डूबकर मौत हो गई। 13 वर्षीय प्रिंस कुमार छठ पूजा के दौरान नदी स्नान करने गया था, तभी वह गहरे पानी में डूब गया। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि इस घाट पर डूबने से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी और नदी में पानी काफी अधिक था। जब प्रिंस की मां को सूचना मिली कि उनका बेटा नदी में डूब गया है, तो वह तुरंत अस्पताल पहुंची, लेकिन डॉक्टरों ने उसके बेटे को मृत घोषित कर दिया। मुंगेर प्रशासन ने परिवार को आपदा प्रबंधन के तहत मुआवजा देने की घोषणा की। प्रिंस तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था, और उसकी मौत ने परिवार को गहरे शोक में डाल दिया।
बेगूसराय में पोखर में डूबने से एक युवक की मौत
बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के मलमल्ला तालाब में भी छठ पूजा के दौरान एक युवक की जान चली गई। रामकरण पासवान नामक युवक अपनी ससुराल में पूजा करने पहुंचा था, जहां वह तालाब के पानी में डूब गया। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान वह गहरे पानी में चला गया और बचाव कार्य के बावजूद उसे तालाब से निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रामकरण पासवान अपने परिवार का पालन-पोषण चिमनी भट्ठा पर काम करके करता था, और उसकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि तालाब में पानी की गहराई का ठीक से अंदाजा नहीं था और प्रशासन ने इस संबंध में कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए थे, जिससे यह हादसा हुआ।
सासाराम में छठ पूजा के दौरान पांच युवक डूबे
रोहतास जिले के सासाराम में भी छठ पूजा के दौरान एक और दर्दनाक हादसा हुआ। तिलौथू थाना क्षेत्र के सोन नदी में छठ व्रत करने वाले पांच युवक डूब गए। इनमें से मंटू कुमार नामक युवक की मौत हो गई, जबकि बबलू कुमार और सुखारी यादव अभी भी लापता है। अन्य दो युवक गहरे पानी से निकलने में सफल हो गए और उनकी हालत सामान्य है। यह हादसा उस समय हुआ, जब ये युवक डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सोन नदी में स्नान कर रहे थे। नदी के गहरे पानी में जाने से वे डूब गए। उनके बचाव का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। मंटू कुमार की मौत के बाद गोताखोरों की टीम लापता युवकों की तलाश में जुटी हुई है।
भोजपुर में भी नदी में डूबने से बच्चों की मौत
बिहार के भोजपुर जिले के चौरी थाना क्षेत्र में अंधारी स्थित सोन नदी में नहाते समय पांच बच्चे डूब गए। स्थानीय लोगों की मदद से दो बच्चों को बचा लिया गया, जबकि दो बच्चों की मौत हो गई और एक बच्चा अभी भी लापता है। यह घटना भी छठ पूजा के दौरान ही घटी, जब बच्चे नदी में नहाने गए थे।
अत्यधिक सावधानी की जरूरत
इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि छठ पूजा के दौरान नदी या तालाब में स्नान करते समय सुरक्षा इंतजामों की कड़ी आवश्यकता है। विशेष रूप से जलस्रोतों की गहराई और स्थिति के बारे में जानकारी देना और प्रशासनिक स्तर पर डूबने से बचाव के लिए गोताखोर का इंतजाम करना बेहद जरूरी है। इस पर्व के दौरान नदी में डूबने की घटनाएं कोई नई नहीं हैं लेकिन अगर समय रहते सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जाता तो शायद इन अमूल्य जिंदगियों को बचाया जा सकता था।
इन हादसों ने छठ पूजा के पर्व को मातम में बदल दिया और पूरे राज्य में गहरी शोक लहर दौड़ गई। अब यह जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है कि वे आगामी वर्षों में छठ पूजा के दौरान सुरक्षा मानकों को और कड़ा करें, ताकि इस तरह के दुखद हादसों से बचा जा सके।