लोकतंत्र सवेरा : धनबाद से सटे बंगाल के रानीगंज में अब तक की सबसे बड़ी “साइबर डकैती” हुई है. चोरी-डकैती तो आम बात है, लेकिन अब साइबर फ्रॉड के जरिए बड़ी-बड़ी डकैती होने लगी है. साइबर अपराधी नए-नए तरीके से डकैती डाल रहे है. धनबाद से सटे बंगाल के रानीगंज में बहुत बड़ी “साइबर डकैती “हुई है. अब यह मामला तूल पकड़ लिया है और पुलिस के लिए भी चुनौती बन गया है. 15 करोड रुपए से भी अधिक का साइबर फ्रॉड हुआ है. वह भी एक चिकित्सक से. जानकारी के अनुसार शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण कुमार शर्मा से 15 करोड़ 83 लाख 90,000 की ठगी हुई है. डॉक्टर शर्मा ने यह राशि 24 अक्टूबर 2025 से 25 नवंबर के बीच निवेश किया था. जब रुपए निकालने गए, तब साइबर अपराधियों ने उनसे कमीशन के रूप में 12.50 करोड रुपए अतिरिक्त डिपॉजिट करने को कहा. उसके बाद उन्हें समझ में आया कि वह साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए है.

पढ़िए-कैसे समझ में आया कि वह ठगी के शिकार हो गए है
तत्काल उन्होंने इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल में की और फिर आसनसोल के साइबर थाना में लिखित शिकायत दी. जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. डॉ. शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्हें मोनार्क वीआइपी नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. 23 अक्तूबर को उन्होंने उस ग्रुप में जवाब दिया, जिसके उपरांत उन्हें ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए मना लिया गया और उन्होंने पर्सनल डिटेल्स शेयर किया. गूगल प्लेस्टोर से मोनार्क एप डाउनलोड किया. 24 अक्तूबर 2025 को उन्होंने 50 हजार रुपये का पहला निवेश किया, जो उनके द्वारा दिये गये अकाउन्ट्स डिटेल्स और अमाउंट ट्रेडिंग एप्लिकेशन में भी दिख रहा था. ऐसा लगा जैसे निवेश शुरू हो गया है.
इन नंबरों से किया जा रहा था ठगी का ऑपरेशन
मोनार्क वीआइपी व्हाट्सएप ग्रुप में ग्रुप एडमिन के रूप में अनुश्री शाह नामक महिला पूरा ऑपरेशन मैनेज कर रही थी, जो 879264269, 7340648751, 9154272680, 9378111224, 9378139412 और 7547984145 नम्बरों से ऑपरेट कर रही थी. उनलोगों ने भरोसा जीतने के लिए मोनार्क नेटवर्क कैपिटल के सेबी रजिस्ट्रेशन का नकली कागजता भी दिखाया. जिसके उपरांत 24 अक्तूबर से 25 नवम्बर के बीच कुल 15.83 करोड़ रुपये का निवेश किया. जब राशि निकालने की कोशिश की, तो नहीं निकल पाया. जिसके बाद उनलोगों से संपर्क करने पर उन्होंने अपने कमीशन के रूप में 12.50 करोड़ रुपये अतिरिक्त डिपॉजिट करने को कहा. जिसके बाद ही समझ आया कि साइबर फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं.



