- गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
- पटमदा के काशीडीह पहुंचे समाजसेवी मुचीराम बाउरी
PATAMDA: पटमदा प्रखंड की महुलबना पंचायत के धाधकीडीह टोला काशीडीह में एक दिव्यांग महिला कंकी महतो की डायरिया से हुई मौत के बाद तेजी से पांव पसारने लगी है यह बीमारी। शनिवार को जब उस परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा पड़ोस के अन्य परिवारों के लोग प्रभावित हुए तो देर रात 14 मरीजों को माचा स्थित सीएचसी अस्पताल पहुंचाया गया जहां रातभर इलाज के पश्चात गंभीर हालत में जमशेदपुर के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है।
माचा में जिन मरीजों की इलाज की गई उनमें सूरजमणि महतो (45), स्वपन महतो (48), मुक्ता महतो (17), नील रानी महतो (60), कमलेश्वरी सिंह (23), आशालता महतो (45), उमाकांत महतो (50), शुभेंदु महतो (24), सूरज महतो (5), शुभोजित महतो (8), जीतेन महतो (17), लक्खी रानी सिंह (5), ममता महतो (22), मणि वाला सिंह (31) शामिल हैं। यहां रात्रि ड्यूटी पर मौजूद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. क्रिस्टोफर बेसरा व लैब टेक्निशियन पंकज कुमार व ड्रेसर सनातन सिंह सरदार ने रातभर सक्रियता दिखाई।
वहीं रविवार की सुबह मानगो गुरुनानक नर्सिंग होम में सीतानाथ महतो (55), गौरीकांत महतो (50), भारती महतो (25) को भर्ती कराया गया है। गंगा मेमोरियल अस्पताल, मानगो में जानकी महतो (25), भारती महतो (45), कालीपद महतो (61), सुधीर महतो (60) व सुनील महतो (40) को भर्ती कराया गया है। जबकि पटमदा के माचा अस्पताल में उमाकांत महतो (50), किंकर महतो (60), माणिक महतो (31), सौरव महतो (3), मुक्ता महतो (17), स्वपन महतो (45), तरणी महतो (50), मणि वाला महतो (45) व कांचन महतो (35) का माचा में इलाज जारी है जबकि 60 वर्षीय एक मरीज शिशुलाल महतो का पश्चिम बंगाल के बांदोवान सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सूचना पाकर पहुंचे भाजपा नेता सह समाजसेवी मुचीराम बाउरी ने ग्रामीणों से मिलकर डायरिया फैलने का कारण जाना और बेहतर इलाज हेतु गांव में कैंप लगाने हेतु जिले के सिविल सर्जन से बात की। सिविल सर्जन के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम डॉ. सोमेन कुमार दत्ता व डॉ. प्रशांत रंजन के नेतृत्व में धाधकीडीह व सुंदरपुर गांव के टोला काशीडीह में मरीजों का इलाज शुरू किया। दूसरी ओर आपके प्रिय समाचार पोर्टल “बराभूम दर्पण” में शनिवार की रात करीब साढ़े 10 बजे डायरिया फैलने से संबंधित खबर प्रकाशित करने के बाद पटमदा निवासी समाजसेवी विश्वनाथ महतो ने जिले के उपायुक्त व सिविल सर्जन से बात करते हुए गांव में कैंप लगाने की मांग की थी।