फ्रांस : डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जो शर्मसार करते हैं। दरअसल फ्रांस में एक पूर्व गैस्ट्रिक सर्जन, जोएल ले स्कॉरनेक को 299 बच्चों का यौन शोषण और बलात्कार करने के आरोप में बुधवार को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। यह फ्रांस के इतिहास में बच्चों के यौन शोषण का सबसे बड़ा मामला है। 74 वर्षीय दोषी डॉक्टर ने 1989 से 2014 तक फ्रांस के 9 क्लिनिक और अस्पतालों में काम करते हुए इन घटनाओं को अंजाम दिया। दैनिक भास्कर डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के अनुसार इस मामले का खुलासा 2017 में हुआ, जब एक बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली और बच्चों के यौन शोषण से संबंधित तस्वीरें और डायरियां बरामद कीं। कई पीड़ित उस समय बेहोश थे या दवा के असर में थे, जिससे उन्हें कुछ याद नहीं था। दो पीड़ितों ने तनाव में आत्महत्या कर ली। स्कॉरनेक ने शुरू में आरोपों से इनकार किया, लेकिन बाद में उसने अदालत में स्वीकार किया कि उसकी डायरी में लिखी हर बात सच है और उसे अपने कृत्यों पर कोई पछतावा नहीं है।
अपराध का दायरा : जोएल ले स्कॉरनेक ने 1989 से 2014 तक 299 बच्चों का यौन शोषण किया, जिसमें 111 बलात्कार और 188 यौन शोषण के मामले शामिल हैं। पीड़ितों में 158 लड़के और 141 लड़कियां थीं, जिनकी औसत उम्र 11 साल थी। 256 पीड़ित अपराध के समय 15 साल से कम उम्र के थे।
सजा: आपराधिक अदालत ने जोएल ले स्कॉरनेक को 20 साल की जेल की सजा सुनाई है। वह पहले से ही अपनी दो भतीजी सहित 4 बच्चों के बलात्कार के मामले में 15 साल की सजा काट रहा है, जो उसे 2020 में सुनाई गई थी।
खुलासा: मामले का खुलासा 2017 में हुआ जब पड़ोस की 6 साल की बच्ची के सामने अश्लील हरकत करने की शिकायत पर पुलिस ने ले स्कॉरनेक के घर की तलाशी ली। पुलिस को उसके घर से सेक्स टॉयज, गुड़ियों से भरे बक्से, कंप्यूटर, दो दर्जन से ज्यादा हार्ड ड्राइव (बच्चों के यौन शोषण की तस्वीरों के साथ) और सैकड़ों पन्नों की डायरियां मिलीं, जिनमें उसने अपने कृत्यों का विस्तृत ब्योरा लिखा था।
पीड़ितों पर प्रभाव: इस खबर के सामने आने के बाद दो पीड़ितों ने तनाव में आत्महत्या कर ली। कई पीड़ित अपने साथ हुए शोषण का पता चलने पर गहरे सदमे में थे और इसने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। लगभग 100 पीड़ित सुनवाई में शामिल नहीं हुए।
कबूलनामा और पश्चाताप की कमी: मुकदमे की शुरुआत में आरोपों से इनकार करने के बाद, ले स्कॉरनेक ने अदालत में स्वीकार किया कि उसकी डायरी में लिखी हर बात सच है और उसे अपने कृत्यों पर कोई पछतावा नहीं है।
प्रशासनिक खामियां: मुकदमे के दौरान यह भी सामने आया कि कानूनी और स्वास्थ्य प्रशासन में बड़ी खामियां थीं। ले स्कॉरनेक को 2005 में चाइल्ड अब्यूज कंटेंट डाउनलोड करने के लिए चार महीने के लिए निलंबित किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उसे 2017 में गिरफ्तारी तक बच्चों का इलाज करने की अनुमति थी।