नई दिल्ली : पूर्व क्रिकेटर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद गौतम गंभीर को धमकी भरा ईमेल भेजने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने गुजरात के भावनगर से 21 वर्षीय युवक जिग्नेश सिंह परमार को गिरफ्तार किया है, जो एक इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र है।
धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद गंभीर ने दर्ज कराई थी शिकायत
गंभीर को कथित तौर पर आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े धमकी भरे ईमेल मिले थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए गौतम गंभीर ने तुरंत दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी थी।
तकनीकी जांच से आरोपी तक पहुंची पुलिस
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने तकनीकी विश्लेषण के जरिए ईमेल भेजने वाले का पता लगाया। इसके बाद विशेष टीम ने गुजरात के भावनगर में दबिश देकर जिग्नेश सिंह परमार को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की।
प्रारंभिक जांच में सामने आए व्यक्तिगत कारण
प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि आरोपी ने संभवतः व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठाया। पुलिस का कहना है कि अभी सभी संभावनाओं की गहनता से जांच की जा रही है ताकि किसी बड़े साजिश या आतंकी संगठन से लिंक की पुष्टि की जा सके।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था आरोपी
जिग्नेश के परिवार ने दावा किया है कि वह पिछले कुछ समय से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित था और उसका व्यवहार अस्थिर था। इस पहलू की भी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
डिजिटल उपकरण जब्त, फॉरेंसिक जांच जारी
पुलिस ने जिग्नेश के पास से मोबाइल, लैपटॉप सहित अन्य डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए हैं। फॉरेंसिक जांच के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसने यह ईमेल किस मानसिकता और किन परिस्थितियों में भेजा।
आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही, यह भी जांच हो रही है कि क्या वह पहले भी इस तरह की किसी गतिविधि में संलिप्त रहा है।
गंभीर और परिवार की सुरक्षा बढ़ाई गई
गंभीर को धमकी मिलने के बाद उनके आवास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
आगे की कार्रवाई जांच पर निर्भर
पुलिस ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद ही आरोपी के खिलाफ अगली कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल उससे गहन पूछताछ और तकनीकी जांच दोनों जारी हैं।

















