नई दिल्ली : गोवा के बिचोलिम तालुका स्थित शिरगांव गांव में शुक्रवार रात आयोजित लैराई देवी की पारंपरिक ‘जात्रा’ के दौरान भयानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) और मापुसा के नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि बाकी खतरे से बाहर हैं। यह हादसा तब हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु अग्नि-व्रत अनुष्ठान के दौरान ‘धोंड’ परंपरा में भाग लेने के लिए एकत्र हुए थे। अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्थित व्यवस्था के चलते अचानक भगदड़ मच गई, जिससे यह दुखद दुर्घटना हुई।
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और बिचोलिम अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनके इलाज की जानकारी ली। सीएम सावंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं और किसी भी तरह की लापरवाही न हो।
क्या है लैराई जात्रा?
श्री लैराई देवी की जात्रा गोवा के सबसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों में से एक है, जिसे चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाता है। यह आयोजन खासतौर पर शिरगांव गांव में लैराई देवी मंदिर में होता है, जहां हजारों श्रद्धालु हर साल शामिल होते हैं। जात्रा की सबसे अनूठी विशेषता है “अग्नि-व्रत” – एक कठिन धार्मिक अनुष्ठान, जिसमें “धोंड” कहे जाने वाले श्रद्धालु जलती हुई अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं। यह उनकी आस्था, साधना और देवी भक्ति का प्रतीक माना जाता है।उत्सव में उपवास, मंत्रोच्चार, शोभायात्रा और पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ भक्ति संगीत की झंकार होती है, जो इसे एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का रूप देती है।


















