नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात आतंकवादियों के हमले में एक डॉक्टर समेत छह कामगारों की मौत मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी मौके पर पहुंची है। एनआईए ने मौके से कुछ सबूत भी उठाए हैं। मामले में फरार आतंकवादियों की तलाश में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और बाकी पैरा मिलिट्री फोर्स की ओर से जगह-जगह दबिश दी जा रही है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैबा और जैश-ए-मोहम्मद के शैडो ग्रुप ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने एक लेटर जारी करके ली है।
सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार नहीं कर रही हैं। टीआरएफ की तरफ से अहमद खालिद (सॉल्जर ऑफ रजिस्टेंस) ने चेतावनी पत्र में हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सोनमर्ग के गगनगीर एरिया में हुए इस हमले को #FalconSquad #TRF कैडर की रणनीतिक हमला बताया है। पत्र में लिखा गया है कि यह हमला एक कंस्ट्रक्शन साइट को निशाना बनाकर किया गया, जहां बिलियन डालर का टनल प्रोजेक्ट चल रहा है। यह मिलिट्री ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। पत्र में लिखी गई इस भाषा को पढ़कर जाहिर है कि यह आतंकी हमला सोच-समझकर रेकी करके किया गया।
जांच एजेंसियों को मिली लीड
इस मामले में रविवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस आतंकी हमले को कायराना बताते हुए कहा था कि इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें फोर्स की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। इसी के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों का भी कहना है कि कुछ लीड मिल रही हैं। उन पर काम किया जा रहा है। इस हमले से एक दिन पहले भी कथित तौर पर आतंकी हमले में एक बाहरी की हत्या कर दी गई थी। एजेंसियों का कहना है कि पहले टीआरएफ कश्मीरी पंडितों की टारगेट कीलिंग करता था। लेकिन इन हमलों से अब लगता है कि उसने गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यहां दो-तीन आतंकियों ने उस वक्त हमला किया। जब सुरंग निर्माण में लगे कर्मचारी मेस में खाना खाने गए थे। उसी वक्त वहां आतंकी घुस गए और उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें एक कश्मीरी डॉक्टर के अलावा छह कर्मचारी मारे गए। इनमें पांच बाहरी हैं।
कितना बड़ा खतरा है यह हमला
आतंकी ग्रुप टीआरएफ ने जिस तरह से अपने पत्र में अन्य कंस्ट्रक्शन साइटों पर भी निगाह रखने की बात कही है, उससे उन साइटों पर काम करने वाले बाहरी कर्मचारियों की जिंदगी की और चिंता सताने लगी है। टीआरएफ के पत्र से साफ है कि हमला सोच-समझकर रेकी करके किया गया। आशंका है कि आने वाले दिनों में और हमले किए जा सकते हैं। ऐसे में घाटी में सरकारी कंस्ट्रक्शन साइट पर सुरक्षा दायरा बढ़ाना होगा। साथ ही जहां भी यह कर्मचारी रहते हैं। वहां की निगरानी भी बढ़ानी होगी।
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