दो सालों में सरकार ने ईपीएफ के ब्याज पर 0.15 फीसदी का इजाफा कर कुल ब्याज दर को 8.25 फीसदी किया| मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था
लोकतंत्र सवेरा न्यूज़ : केंद्र सरकार ने उन नौकरीपेशा लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है, जिनका हर महीने सैलरी से पीएफ (EPFO interest rate) के रूप में कटता है। जी हां, सरकार ने लगातार दूसरे साल ईपीएफ की ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है। इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 0.05 फीसदी का इजाफा किया था और अब वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 0.10 फीसदी का इजाफा कर दिया है। इसका मतलब है कि दो सालों में सरकार ने ईपीएफ के ब्याज पर 0.15 फीसदी का इजाफा कर कुल ब्याज दर को 8.25 फीसदी का दिया है जोकि 3 साल का हाई है।
सेवानिवृत्ति निधि निकाय EPFO ने शनिवार को 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जमा पर तीन साल की उच्चतम ब्याज दर 8.25 प्रतिशत तय की। मार्च 2023 में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को 2021-22 में 8.10 प्रतिशत से मामूली बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया था।
वित्त वर्ष 2021-22 में निचले स्तर पर पहुंचा ब्याज दर
मार्च 2022 में ईपीएफओ ने अपने छह करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज को घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था, जो 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। यह 1977-78 के बाद से सबसे कम था, जब ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत थी।
पिछले कुछ सालों में कितना रहा ब्याज दर
वित्त मंत्रालय के माध्यम से सरकार द्वारा अनुमोदन के बाद ही ईपीएफओ ब्याज दर देता है। मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जो 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने अपने ग्राहकों को 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान की थी। 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी अधिक 8.8 प्रतिशत थी। सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने 2013-14 के साथ-साथ 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दर दी थी, जो 2012-13 के 8.5 प्रतिशत से अधिक है। 2011-1 में ब्याज दर 8.25 फीसदी थी।
वित्त मंत्रालय भेजा जाएगा (EPFO interest rate)
सीबीटी के फैसले के बाद अब 2023-24 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर संबंधी निर्णय को अनुमोदन के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। सरकार के अनुमोदन के बाद 2023-24 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के छह करोड़ से अधिक ग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी।