भुवनेश्वर : ओडिशा में एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को सिर्फ इसलिए सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया, क्योंकि उनके बेटे ने बलांगीर जिले के पुइंतला में दूसरी जाति की लड़की से शादी की थी। उनका नाम प्रोफेसर मनमोहन स्वांई है, जो पटनागढ़ जवाहरलाल कालेज में कभी प्रिंसिपल थे, अब एकांत जीवन जी रहे हैं।
बेटा सौम्यरंजन ने मराठी महिला से रचा ली थी शादी
दरअसल, सेवानिवृत्त बेटे सौम्यरंजन ने मराठी महिला से शादी कर ली है। इस कारण ग्रामीणों ने उनसे दूरी बना ली है। सौम्यरंजन एक इंजीनियर हैं और वर्तमान में बेंगलुरु में काम कर रहे हैं। प्रो. मनमोहन स्वांई के अनुसार गांव में एक बैठक आयोजित की गई और मुझसे मेरे बेटे की शादी के बारे में पूछताछ की गई। मुझे बताया गया कि मेरे परिवार का बहिष्कार करने के लिए केंद्रीय समिति का दबाव है। मैं स्थानीय समिति के अध्यक्ष से मिला था और उन्होंने मेरे परिवार को समाज में शामिल करने के लिए मेरे सामने कुछ शर्तें रखी थीं। शर्त नहीं मानने पर विविध धार्मिक अनुष्ठानों और शादी समारोहों आदि में भाग लेने से मुझे प्रतिबंधित कर दिया गया।
बेटे की अंतिम संस्कार की रखी शर्त
84 घर वाले अघारिया समुदाय के जिला अध्यक्ष से अपील करने के बावजूद मनमोहन से कहा गया कि उन्हें फिर से समाज में शामिल होने के लिए प्रतीकात्मक रूप से अंतिम संस्कार की रस्म निकालकर अपने जीवित बेटे का त्याग करना होगा और जुर्माना भरना होगा। चूंकि वे ऐसी अवैध शर्तों से सहमत नहीं थे, इसलिए उनके परिवार को अलग-थलग कर दिया गया है।