BOKARO : झारखंड के बोकारो जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों द्वारा कथित तौर पर किया गया लाठीचार्ज और एक व्यक्ति की मौत मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. प्रशासन ने शुक्रवार शाम से शहर में बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के निकटवर्ती क्षेत्रों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू कर दिया है.
‘बीएसएल विस्थापित अप्रेंटिस संघ’ के बैनर तले लोगों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को रोजगार के अवसर सहित अपनी मांगों के समर्थन में संयंत्र के प्रशासनिक भवन के पास प्रदर्शन किया. पुलिस ने बताया कि इस्पात संयंत्र की सुरक्षा का जिम्मा संभाले सीआईएसएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कथित तौर पर लाठीचार्ज किया, जिसमें 26 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई. बोकारो की उपायुक्त जाधव विजया नारायण राव ने संवाददाताओं से कहा, ‘पूरी घटना की जांच के लिए चास अनुमंडल अधिकारी प्रांजल ढांडा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.’ उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएल प्रबंधन मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगा. बीएसएल के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से शुक्रवार रात को संयंत्र के सभी गेट को प्रदर्शनकारियों से खाली कर लिया गया है.
उन्होंने बताया कि आंदोलन के कारण 5,000 से अधिक श्रमिकों को 24 घंटे से अधिक समय तक संयंत्र परिसर के अंदर रहना पड़ा था और वे शुक्रवार देर रात संयंत्र से बाहर जा सके. इस बीच, ‘बीएसएल विस्थापित अप्रेंटिस संघ’ ने निषेधाज्ञा के मद्देनजर अपना आंदोलन वापस ले लिया है. निषेधाज्ञा के तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, हथियार लेकर चलने तथा धरना या जुलूस निकालने पर रोक है.