Month: August 2022

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…

ओ देश मेरे…तेरी शान पे सदके…कोई धन है क्या…तेरी धूल से बढ़के…तेरी धूप से रोशन…तेरी हवा पे जिंदा…तू बाग है…