जमशेदपुर : मेरे पिता के द्वारा अर्जित कमाई से बनाये गए मकान, मकान नम्बर – 160, लाइन नम्बर – 5, भालूबासा, थाना – सीतारामडेरा, महाशय नम्रता पूर्वक मैं ये कहना चाहती हूँ की मेरा पिता स्वर्गीय सुरजबली सिंह द्वारा अर्जित कमाई से बनाये गए मकान को मेरे दो चाचा चंद्रबली सिंह, अरविंद सिंह एवं दोनो चाची चंद्रबली सिंह की पत्नी शांति सिंह एवं अरविंद सिंह की पत्नी अंजनी द्वारा मेरे मकान को अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है 26 जुलाई 2022 (केस संख्या 143/22) को मेरे पिता की हत्या चंद्रबली सिंह एवं शांति सिंह ने कर दी थी और मेरे मकान का एक हिस्सा को कब्जा कर लिए औऱ मेरे छोटे चाचा अरविंद सिंह और उसकी पत्नी अंजनी सिंह बाराद्वारी में अपना मकान बना कर सपरिवार रह रही थी उनलोगों ने एक दिन मेरे पिताजी सुरजबली सिंह के पास आये और बोले की वेलोग अपना बाराद्वारी का मकान को तोड़ कर चार तल्ला मकान बनाना चाहते है इसलिए हमलोगों को दो कमरे में रहने दे जिसे हमलोग 6 महीने के अंदर अपना मकान बनते ही खाली कर देंगे ये बात मेरे पिता के जीवित रहते की है (अप्रैल 2022 की है।
उसके 2 महीने बाद मेरे पिता का हत्या चंद्रबली सिंह एवं उनकी पत्नी शांति सिंह कर देती है मेरे पिता के मकान का दीवाल तोड़ कर वेलोग मेरे पिता का मकान को अपने कब्जे में ले लेते है (जिसकी तस्वीर इसमें है ) जिसका विरोध करने पर चंद्रबली सिंह उनकी पत्नी शांति सिंह ईटा पत्थरो से मेरे पिता सुरजबली सिंह की हत्या कर देते है और इन आरोपियो का बेल जिला अदालत और हाई कोर्ट दोनो जगहों से रद्द हो गयी है पर फिर भी जिला प्रशासन द्वारा उनलोगों को गिरफ्तार कर जेल आजतक नही भेजा गया है और ये दोनों पति पत्नी आये दिन धमकी देते रहते है की केस उठा लो नही तो तुमलोग तीनो का भी हत्या कर देंगे।
ये सब देख कर मेरे छोटे चाचा एवं उनकी पत्नी अंजनी सिंह की नीयत में खोट आ जाती है खाली करने की अवधि 6 महीनों की मांगी थी इनलोगो ने पर तकरीबन 1 वर्ष बीत गए है और उनलोगों ने न तो अबतक अपने बाराद्वारी वाला मकान ही बनाये है और न ही हमलोगों का मकान खाली किये है और जब भी हमलोग घर खाली करने के लिए बोलते है तो लड़ाई झगड़ा मार-पीट करने लगती है और 7 अप्रैल 2023 (केस संख्या 49/23) को मेरे मकान के बचे हुवे हिस्से के कमरों से हमलोगों का ताला तोड़ कर मेरी दादी की एक पुराने समय की सन्दूक था जिसमे करीब 20 हजार रुपये कैश सोने की कान की बाली एवं अन्य जरूरी कागजात थे एवं छज्जे के ऊपर रखी हुई पीतल एवं कासे, अलमुनियम एवं पीतल के बर्तन उसे चोरी कर लिए है और कुछ समानो को बाहर निकाल कर अपना दो अलमीरा एवं टेबल एवं अन्य चीजें घुसा कर बचे हुवे हिस्से के कमरो में अपना ताला लगा दिए है और कब्जा कर लिए है।
श्रीमान मेरे चाचा चंद्रबली सिंह उनकी पत्नी शांति सिंह छोटे चाचा अरविंद सिंह उनकी पत्नी अंजनी सिंह द्वारा बार बार हमलोगों को धमकाया जाता है की तुम्हारे पिता को मार ही दिए है और हमलोगों को कुछ नही हुआ अब तुम तीनो को जान से मार कर पूरे घर पर कब्जा कर लेंगे हमलोगों को डर है की हमलोगों की हत्या भी हो सकती है।
महाशय मेरे माता पिता दोनो नही है (मेरे माता-पिता के सिर्फ दो ही सन्तान है मैं रिया सिंह और हमसे छोटी मेरी बहन तान्या सिंह) मेरी दादी हमदोनो बहनों के साथ मे रहती है हमलोगों के पढाई लिखाई एवं खाने पीने के लिए आमदनी का कोई जरिया नही है इसलिए हम चाहते है की मेरे पिता के मकान को जो मेरे दो चाचा चंद्रबली चाची शांति सिंह,अरविंद सिंह एवं उनकी पत्नी अंजनी सिंह ने अवैध रूप से कब्जा कर लिए है उसे कब्जा मुक्त करवा दे जिससे की हम उस मकान को किराया में लगा कर अपनी और छोटी बहन एवं दादी का जीविकोपार्जन कर सकूँ महाशय मेरे घर मे कोई कमाने वाला नही है जिसके वजह से हमलोगों की स्थिति भुखमरी वाली हो गयी है एवं हर वक़्त इनलोगो की धमकियों के कारण हम तीनों लोग हमेसा भयभीत रहते है इसलिए इनलोगो से हमलोगों को सुरक्षा दिलाने के लिए कोई कारगर कदम उठाए जिससे हमलोग भयमुक्त जीवन जी सके हमलोग न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है पर हमलोगों को अबतक न्याय नही मिला है।
महाशय वो घर मेरा है और अब वेलोग हिस्से के लिए आये दिन तीनो चाचा चचिया और उनके बच्चे आपस मे और कभी कभी हम दोनों बहनों और मेरी बूढ़ी दादी के साथ झगड़ा और मारपीट करते ही रहते है हम पूरे बिश्वास के साथ बोल रहे है की उस घर की वजह से ही पिछले वर्ष मेरे पिता की हत्या हो चुकी है अब भी किसी न किसी की हत्या जरूर हो सकती है और मेरी छोटी चाची अंजनी सिंह मारपीट कर लेने के बाद अक्सर बोलती है की वो फाँसी लगा लेगी और हमलोगों को फंसा देगी महाशय मेरी छोटी चाची 9-10 वर्षो से गहरी मानसिक रोग से ग्रसित है और वो लगातार इस बीमारी की दवा खा रही है इसलिए महाशय जब तक आप फैसला न कर दे तब तक सबको घर खाली करवा कर उस घर मे धारा 144 लगा दे महाशय आपसे हमे पूण आशा है की आप हमको मेरी छोटी बहन को एवं मेरी बूढ़ी दादी को जल्द से जल्द न्याय देने की कृपा करे जिससे की हमलोग आगे की अपनी जिंदगी ढंग से जी पाए, इसके लिए हमलोग ताउम्र आपका ऋणी रहेंगे।