पाकुड़ : झारखंड स्टेट स्टुडेंट्स यूनियन के आह्वान पर आदिवासी छात्रों ने शनिवार को शहर के सिदो कान्हू पार्क, रवींद्र चौक सहित कई अन्य जगहों पर चक्का जाम कर दिया। जिसके कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई। जाम के कारण जगह जगह वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम में फंसे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आदिवासी छात्र झारखंड सरकार के नियोजन नीति 60/40 का विरोध कर रहे हैं। कड़ी धूप के बावजूद आदिवासी छात्र छात्राएं छाता लेकर सड़क पर बैठे रहे। छात्र झारखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। चक्का जाम के दौरान सिर्फ मरीजों के वाहनों को आने जाने की अनुमति दी जा रही थी। इधर चक्का जाम स्थल पर विधि व्यवस्था को देखते हुए पुलिस अधिकारी व जवानों की तैनाती की गई है। इधर बाजार पर झारखंड बंद का असर नही दिखा। बाजार की दुकानें आम दिनों की तरह खुली रही।
चक्का जाम में शामिल आदिवासी संगठन के सदस्यों ने कहा कि झारखंड प्रदेश में 60/40 नियोजन नीति नहीं चलने दी जाएगी। शुरु से ही इसका विरोध होता आ रहा है। सरकार को खतियान आधारित नियोजन नीति को लागू करना पड़ेगा। छात्रों ने कहा कि सरकार खतियान आधारित नियोजन नीति लागू कर झारखंड के स्थायी निवासियों को नौकरी प्रदान करे। छात्रों ने कहा कि 60/40 एक हकमार नीति है। इसके लागू हो जाने से झारखंड की भाषा, संस्कृति समाप्त हो जाएगी। कहा कि झारखंड बनें 23 वर्ष हो गए, लेकिन अभी तक झारखंडियों के लिए नियोजन नीति नहीं बन पाई। यह काफी दुर्भाग्य है। छात्रों ने कहा कि आदिवासी छात्र संगठन, आदिवासी, मूलवासी लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं। इसके बाद भी सरकार चेत नहीं रही है। विवश होकर छात्रों को 10 व 11 जून को झारखंड बंद का एलान करना पड़ा है। सरकार जबतक 60/40 नियोजन नीति को समाप्त नहीं करती है, तबतक आदिवासी संगठनों का आंदोलन चलता रहेगा।