गोड्डा । देश और जनता की सेवा सिर्फ सरहद और जनप्रतिनिधि बनकर ही नहीं की जा सकती है बल्कि अपने अपने कार्यक्षेत्र में जिम्मेवारी निभा कर भी की जा सकती है। ऐसा ही एक वाकया गोड्डा जिले के पथरगामा क्षेत्र का है। जहां पर स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर मां और बच्चों को सुरक्षित कर रही है। उफनती नदी में माथे पर दवा के बक्से को रखकर नदी पार करनाकितना मुश्किल साबित हो सकता इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
क्या है मामला
बच्चो का छह बीमारियों के बचाव के लिए हर सप्ताह टीकाकरण कार्यक्रम सरकार की तरफ से चलाए जा रहे है। जुफकी जिम्मेवारी सीधे तौर पर एएनएम की होती है। इस जिम्मेवारी को समदझते हुए ए एन एम ने अपनी कठिनाइयों को दरकिनार किया और पानी से भरी नदी को पार कर बच्चो का टीकाकरण किया। पथरगामा सीएचसी के अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेन्द्र महेशलिट्टी की एएनएम वीणा महतो बंशीपुर में टीकाकरण कार्य करने हेतु गई हुई थी।
जज्बे को सलाम
एएनएम वीणा महतो के टीकाकरण क्षेत्र के जाने वाले रास्ते के बीच शीतली नदी अपने पूरे उफान पर थी। फिर भी वीणा महतो के जज्बे तनिक भी नही डगमगाए और जाना भी जरूरी था। क्योंकि बच्चो का सेहत का मामला जो था। फिर ए एन एम ने दवा के बॉक्स को अपने माथे पर उठाई और नदी को पार करते हुए टीकाकरण केंद्र तक पहुंची और बच्चो का टीकाकरण की। फिर उसी रास्ते नदी को पार कर वापस लौट गई।
क्या कहते है प्रभारी
चिकित्सा प्रभारी डा आर के पासवान ने कहा कि टीकाकरण बच्चो का पहला हक है ,जिसे एएनएम ने बखूबी निभाई है। यह कार्य सराहनीय है। ऐसे स्वास्थ्य कर्मी इस विभाग की शान है।
सम्मान के असली हकदार कौन ?
हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 5 जुलाई को चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। जिसमे प्रत्येक जिला से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की सूची मांगी गई थी। सूची भेजने में भी राज्य भर से कर्मियों के चयन में भारी गड़बडी की शिकायत मिली थी। राज्य को उपलब्ध कराए गए सूची में वैसे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की सूची भेज दी गई जिसके वो हकदार नहीं थे। स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों के बीच ये सवाल काफी ज्वलंत है कि नाम चयन का पैमाना क्या है ?