विनम्रता से करना चाहिये रिजल्ट स्वीकार चाहे चुनाव में जीत हो या हार
जमशेदपुर : सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के संबंध में प्रेस कांफ्रेंस कर बेवजह गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. उनमें अधिकांश लोग पूर्व में चैंबर में उच्च पदों पर आसीन रहे हैं. उन्हें ज्ञात होना चाहिये कि सिंहभूम चैंबर कंपनीज एक्ट के तहत पंजीकृत है और कंपनीज एक्ट के नियमों के तहत कार्य करता है. हालांकि पूर्व में कई खामियां थी, जिनमें सुधार के लिये संदीप मुरारका एवं अन्य द्वारा एनसीएलटी में धारा 244(1) के तहत अपील संख्या सीपी/1546 (केबी)/2919 दायर की गई थी. जिसके बाद लगातार कई सुधार किये जा चुके हैं. सिंहभूम चैंबर का चुनाव देश के सबसे बड़े एवं विश्वसनीय संस्थान सीडीएसएल ने संपन्न करवाया था. यह संस्थान शेयर मार्केट में पंजीकृत है और इनके पास पचास लाख से ज्यादा एकाउंट होल्डर यानी ग्राहक हैं.
संदीप मुरारका ने कहा कि जो लोग चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न उठा रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिये कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कहा जाता कि 2014 में आप सांसद बनिये, फिर 2019 में कैबिनेट मंत्री, तब जाकर आप 2024 में प्रधानमंत्री के लिये उम्मीदवार हो सकते हैं. तो क्या यह हास्यास्पद नहीं होता. तो फिर आज चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिंह लगाने वालों से पूछा जाना चाहिये कि उनलोगों ने ही पद पर रहते हुये संविधान से छेड़छाड़ कर इस प्रकार के हास्यास्पद नियम चैंबर में लागू किये थे अथवा नहीं.
संदीप ने आगे कहा कि चूंकि कई वर्षों बाद पारदर्शी तरीके से चैंबर का चुनाव संपन्न हुआ है. उस कारण दो दशक से संविधान की गलत व्याख्या कर येनकेन प्रकरेण सत्ता में बने रहने वाले लोग बौखला गए हैं. इन लोगों को विनम्रता से अपनी हार स्वीकार करनी चाहिये और नियमानुकूल पारदर्शी चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को आशीर्वाद देकर अपना बड़प्पन दिखाना चाहिये।