जमशेदपुर : छतीसगढ़ी पर्व त्योहार में गौरा गौरी पूजा भी प्रसिद्ध है, बताते चले की दीपावली की अर्ध रात्रि को छतीसगढ़ी समाज के लोगो के द्वारा विभिन्न स्थानों में अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुरूप गौरा गौरी पूजन का आयोजन किया जाता है, गौरा गौरी का अर्थ शंकर पार्वती से है,
श्री श्री गौरा गौरी पूजा समिति टुइलाडूंगरी के द्वारा प्रत्येक वर्ष भव्य रूप से इस पूजन का आयोजन किया जाता है, समाज के लोग दस दिनों से इस पूजन की तैयारी करते है, अविवाहित लड़कियां विशेष रूप से इस पूजन में शरीक होती है मान्यता है की जो लड़कियां कलश, गौरा गौरी मिट्टी द्वारा निर्मित और ज्वारा अपने सर पर ले कर चलती है
उन्हे अच्छा और सुंदर वर की प्राप्ति होती है, कल अर्ध रात्रि को इस पूजन का प्रारंभ भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया, उसके बाद विधि विधान के साथ पूजन पद्धति संपन्न हुई।
दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा की जो भी समाज अपने परपंरा और संस्कृति को बचा कर रखते है वो सामाजिक रूप से मजबूत होते है
अपने युवा पीढ़ी को भी सामाजिक गतिविधियों में जोड़ने में सहायक होते है, रात्रि जागरण के लिए समाज के बच्चो द्वारा छतीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था, लंबे समय से मिट्टी निर्मित गौरा गौरी के निर्माण में सहयोग करने के लिए पूजा कमिटी ने पारसनाथ साहू और टीका राम साहू जी को दिनेश कुमार द्वारा सम्मानित करवाया, साथ ही छतीसगढ़ी पारंपरिक गीतो को संजोने के लिए सावित्री साहू और फूलो देवी को सम्मानित किया गया, महिलाओं के द्वारा सुवा गीत और गौरा गौरी गीतों पर नृत्य भी किए गए।
पूजा समाप्ति के पश्चात सुबह सुबह शोभा यात्रा निकाल कर स्वर्णरेखा में गौरा गौरी, ज्वारा और पूजन सामग्री को विषर्जित की जाति है। कार्यक्रम में विशेष रूप से गिरधारी साहू, नरेश निषाद, कामता साहू उपस्थित थे।कार्यक्रम के आयोजन में महावीर प्रसाद,
चंद्रिका निषाद सुकालू, श्रीनु राव, मनमोहन लाल, कामेश्वर साहू, जमुना निषाद, नूतन साहू, इंद्रा साहू, दिनेश साहू सोनू, कलावती देवी, द्रौपदी साहू, नन बाई, गौरी देवी, फुलेश्वरी निषाद, सोनी साहू, कमला निषाद, रिंकी साहू, बबली साहू, धर्मराज साहू, ओम निषाद, अमित साहू, विक्की निषाद, मनीषा साहू, छोटी साहू और काफी संख्या में समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।