जमशेदपुर। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो-कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार ने अपने चार साल पूरे कर लिए हैं। हेमंत सरकार के चार साल की वादाखिलाफी और विफलताओं को लेकर एक ओर जहां सूबे की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी लगातार हमलावर है। तो वहीं दूसरी ओर सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा की गयी घोषणा में आदिवासी और दलितों को 50 वर्ष से ही वृद्धा पेंशन दिए जाने और होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी द्वारा एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के प्रधान संपादक को धमकी दिए जाने को लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने हेमंत सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि पिछले चार साल के कार्यकाल में झारखंड की जनता त्रस्त और हताश हो चुकी है। बड़े-बड़े वादों के सहारे सत्ता में आने के बाद से हेमंत सरकार ने युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी, दलित, पिछड़ा समाज के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। चुनावी मंचों और घोषणापत्र के माध्यम से छह माह में पांच लाख नौकरी की बड़ी बातों से युवाओं को दिग्भ्रमित करने वाली हेमंत सरकार अबतक किसी भी सरकारी नियुक्ति की प्रकिया को पूर्ण ना कर एक नौकरी देने में भी विफल साबित हुई है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि रोजगार के मुद्दे पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली हेमंत सरकार की प्राथमिकता नौकरी से बदलकर पेंशन पर अटक गई है। ये सिर्फ अपने चार साल की नाकामियों को छिपाने का प्रयास है। कहा कि क्या अब समझा जाये कि सरकार आदिवासी, दलित समाज के युवाओं के रिटायरमेंट की उम्र भी 50 साल करने का प्लान बना रही है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सीएम हेमंत सोरेन को बताना चाहिए कि 35 वर्ष तक की आयु वाले आदिवासी एवं दलित समाज के कितने युवाओं को चार साल में नौकरी दी गई? आज देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में मात्र 50 वर्ष की आयु में युवाओं को वृद्ध बना देना राज्य सरकार की संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। कहा कि क्या सरकार ऐसी उलूल-जुलूल फैसले के भरोसे युवाओं का विकास करना चाहती है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर 50 वर्ष में जाति आधारित पेंशन लागू करना है तो सिर्फ आदिवासी एवं दलित समाज के युवाओं के लिए क्यों? समाज के सभी वर्गों के लिए क्यों नही? कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि आज झारखंड के लाखों युवा आंदोलनरत है, उनके हितों पर ध्यान ना देकर सरकार अपने कार्यकाल के शेष बचे एक साल को पार करने के लिए यह नया शिगूफा छोड़ा है। कुणाल ने कहा कि सभी मोर्चों पर विफल और अक्षम नेतृत्व के परिचायक हेमंत सरकार से झारखंड के युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी, दलित एवं पिछड़ा समाज का कभी भला नही हो सकता है।
वहीं, कुणाल षाड़ंगी ने पिछले दिनों एक प्रतिष्ठित समाचारपत्र के प्रधान संपादक को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी द्वारा धमकी दिए जाने को गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि एक प्रतिष्ठित और अग्रणीय समाचारपत्र के प्रधान संपादक को सच्चाई छापने और नाकामी उजागर करने पर जेल के लैंडलाइन नंबर से कॉल कर धमकी दी गई। यह घटना दर्शाता है कि हेमंत सरकार में अपराधियों की हिम्मत कितनी बढ़ी हुई है। कहा कि जेल में ऐसे लोगों को कौन छूट दे रहा है। ये सीधे तौर पर राज्य सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड में बढ़ते आपराधिक घटनाओं ने ‘हेमंत है तो हिम्मत है’ के नारे को सही मायने में चरितार्थ किया है। आज जेल के अंदर हत्या हो रही है, जेल के बाहर सड़क पर पुलिसकर्मियों की हत्या हो रही है। पूरे झारखंड में अराजकता का माहौल है। आज आम जनता अपने जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। तो वहीं, हेमंत सरकार ने हिफाजत करने वाले पुलिसकर्मियों को पूरे राज्य में वसूली अभियान में लगा दिया है। कहा कि आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में झारखंड की जनता आततायी हेमंत सरकार के अत्याचार का करारा जवाब देकर सत्ता से बाहर उखाड़ फेंकेगी।