रांची। झारखंड में आज प्रदर्शनों का दौर देखने को मिलेगा। एक तरफ जहां भाजपा आक्रोश रैली निकालने वाली है, तो वहीं दूसरी तरफ झामुमो झारखंड अधिकारी मार्च निकालेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि आज हम झारखंडी भाजपा के झारखंडियों के ख़िलाफ़ लगातार हो रहे तिरस्कार और अधिकारों की अनदेखी के ख़िलाफ़ हर ज़िले में अपनी आवाज़ बुलंद करेगा। इससे पहले राजधानी रायपुर में युवा आक्रोश रैली का आज भाजपा आयोजन कर रही है। इस रैली में 10 हजार से ज्यादा भीड़ जुटने का अनुमान है।
इधर, पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि झारखंड के अधिकारों की मांग को लेकर यह मार्च निकाला जाएगा. जेएमएम (JMM) ने कहा है कि राज्य की जनता अपने अधिकारों को लेकर जाग गयी है. यही कारण है कि अधिकारों की मांग को लेकर सभी जिलें में लोग ‘झारखण्डी अधिकार मार्च’ पर निकलेंगे. जेएमएम महासचिव विनोद पांडेय ने कहीं। उन्होंने कहा कि झारखंडी अधिकार मार्च के जरिये राज्य की जनता अपने-अपने जिला मुख्यालयों में एकजुट होगी जिससे बेजेपी के झारखंडियों के प्रति षडयंत्र को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज हर झारखंडी जाग चुका है और झारखंडी अधिकार मार्च उसका परिणाम है।
जेएमएम ने आरोप लगाया है कि गलत तरीके से राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री को फंसाने की साजिश रची गयी थी. जो अब जनता जान चुकी है. जारी बयान में कहा गया है कि राज्य की महागठबंधन सरकार झारखंडियों के हित में कई फैसले ले रही है. राज्य गठन के 20 साल तक केंद्र शासित बेजेपी की सरकार राज्य में सत्ता का भोग करती रही। जब वर्ष 2019 में झारखंडी जनता ने बेजेपी से सत्ता छीनकर आदिवासी युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी तो बेजेपी बौखला उठी। यहीं, से बेजेपी ने द्वेष की राजनीति शुरू कर दी।
जेएमएम ने पूर्ववर्ती सरकारों पर जनता को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले की सरकार सरना आदिवासी धर्मकोड, 1932 आधारित स्थानीय नीति, पिछड़ो को 27 प्रतिशत आरक्षण, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द करने, वृद्धों को पेंशन देने, आदिवासी-मूलवासी को पहचान और हक अधिकार देने के नाम पर झारखंडियों से छल करती रही थी।