नई दिल्ली : आने वाली 29 सितंबर से अगले 50 दिनों तक पृथ्वीवासी अपने अंबर में दो-दो चांद देख सकेंगे। पृथ्वी की कक्षा के गुरुत्वीय क्षेत्र में फंसा एक क्षुद्र ग्रह यह दुर्लभ संयोग बना रहा है। इस खगोलीय घटना को ‘मिनी मून’ का नाम दिया जा रहा है। हालांकि ‘2024 पीटी-5’ नामक यह क्षुद्र ग्रह चंद्रमा की तरह धरती की पूरी परिक्रमा नहीं कर पाएगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये खगोलीय घटना 27 साल पहले भी हुई थी। पृथ्वी और मंगल के बीच की एस्टेरॉएड बेल्ट यानी क्षुद्र ग्रह कक्षा से यह भटक कर पृथ्वी की कक्षा में आ गया है। एस्टेरॉएड बेल्ट के जिस स्थान से यह आया है उसे ‘अर्जुन बेल्ट या अर्जुन पट्टी’ भी कहते हैं। इस क्षुद्र ग्रह का आकार 33 फीट का है। बीएचयू के भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ. अभय कुमार ने बताया कि खगोल विज्ञान के छात्रों के साथ ही शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों में भी इस घटना को लेकर काफी उत्सुकता है।
डॉ. अभय कुमार ने बताया कि ‘2024 पीटी-5’ पृथ्वी की कक्षा में 4.5 मिलियन किमी की दूरी पर रहेगा। यह 3540 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। काशी के युवा खगोल विज्ञानी वेदांत पांडेय ने बताया कि यह क्षुद्र ग्रह 25 नवंबर तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। इसके बाद वह अर्जुन बेल्ट में लौट जाएगा। 50 दिनों में यह पृथ्वी की पूरी परिक्रमा नहीं कर सकेगा बल्कि घोड़े की नाल जैसे परिक्रमा पथ पर चलेगा।
आकार में छोटा और दूर भी होने के कारण पीटी-5 को बड़े टेलीस्कोप से ही देखा जा सकेगा। डॉ. अभय कुमार ने बताया कि रॉक मैटेरियल से बना होने के कारण यह अंतरिक्ष के प्रकाश से चमकेगा। हालांकि पृथ्वी की कक्षा में आने से इससे कोई खतरा नहीं है। 29 सितंबर के बाद से पृथ्वी के इस मिनी मून पर अध्ययन शुरू होगा। मिनी मून की घटना दशकों में एक बार होती है जब क्षुद्र ग्रह पट्टी से कोई पिंड पृथ्वी की कक्षा में चला आता है। वेदांत पांडेय ने बताया कि इससे पहले 2006 में ऐसे ही एक पिंड ने एक साल तक पृथ्वी का चक्कर लगाया था। नवंबर के बाद यह ‘मिनी मून’ 2051 में दोबारा पृथ्वी की कक्षा में लौटेगा। यानी इस घटना को दोबारा देखने के लिए 27 साल इंतजार करना होगा।