जमशेदपुर : प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा की हालत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के एम्स में मंगलवार को उनका निधन हो गया। ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा जी के गीतों के बिना छठ महापर्व की कल्पना अधूरी है। उनके गीतों में श्रद्धा, भक्ति और लोक-संस्कृति की जो महक थी, वह किसी और में मिलना असंभव है। ऐसा प्रतीत होता था मानो मां सरस्वती स्वयं उनके गले में वास करती थीं। उनकी आवाज़ ने न केवल बिहार और झारखंड बल्कि पूरे देश में छठ पूजा के प्रति विशेष उत्साह और प्रेम को प्रेरित किया।
अपनी पुरानी यादों को याद करते हुए राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि साल 2002 में जमशेदपुर में शारदा सिन्हा जी के गीतों को सुनने और उनसे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ। उनकी सरलता और उनके गीतों की मधुर मिठास आज भी स्मृतियों में ताजा हैं। उनका निधन संगीत जगत और सम्पूर्ण समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके गीतों की मधुर ध्वनि से छठ पर्व का अद्भुत एहसास सदैव जीवित रखेगी। उनके योगदान को हम कभी भुला नहीं पाएंगे। वे सदैव हमारे स्मृतियों में जीवित रहेंगी और उनकी आवाज़ आने वाली पीढ़ियों को छठ महापर्व की महिमा से जोड़ती रहेगी।
राज्यपाल रघुवर दास ने शोक संतप्त परिजनों उनके समर्थकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि छठी मैया दिंवगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को इस कठिन दुःख सहन करने की शक्ति दें।