KOLKATA : नदिया के नकासीपाड़ा थाना इलाके में घटी एक घटना ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। यहां गुरुवार को ट्यूशन पढ़ने गये नौवीं कक्षा के छात्र प्रीतम विश्वास की हत्या कर दी गई, शव शुक्रवार की सुबह एक मैदान से बरामद किया गया। परिजनों का आरोप है कि उसके गले पर दबाए जाने का निशान पाया गया था। इससे सुनिश्चित होता है कि उसकी हत्या की गई है। लिहाजा उन्होंने हत्या का मामला दर्ज कराया है। आखिर उसने हत्या क्यों कि…
गला दबाने से पहले जमकर पिटाई भी की, गिरफ्तार
बहरहाल, घटना की छानबीन के बाद पुलिस ने प्रीतम के दो दोस्तों को पकड़कर उनसे न सर्फ पूछताछ की, बल्कि पूछताछ के बाद दोनों ही नाबालिगों को हिरासत में भी ले लिया है। बताया गया है कि प्रीतम के गेम का पासवर्ड उन दोनों ने मांगा था, पासवर्ड नहीं देने के कारण ही उन्होंने प्रीतम की पिटाई की थी, उसकी मौत हो गयी। घटनास्थल से प्रीतम का मोबाइल फोन भी नदारद था, पुलिस उसकी खोज कर रही है।
बड़ा सवाल
सवाल यह कि खाने-पीने, पढ़ने और खेलने की उम्र में बच्चे इतने हिंसक क्यों हो रहे हैं। समाजशास्त्रियों की मानें तो यह पारिवारिक और सामाजिक कुप्रबंधन का दुष्परिणाम है। परिवार के सदस्य स्वयं में इतने मशगूल हैं कि बच्चे क्या कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं, उन्हें इसका भान नहीं होता। मनोवैज्ञानिक भी समाजशास्त्रियों की इन बातों का समर्थन करते हैं। उनका मानना है कि ग्रोविंग एज में बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहिए। वे चिड़चिड़े होने के साथ एग्रेसिव तो नहीं हो रहे, उनके व्यवहार का अध्ययन किया जाना चाहिए। अगर उनके व्यवहार में समय रहते परिवर्तन नहीं आता है तो उनकी काउंसलिंग करवानी चाहिए।