लोकतंत्र सवेरा न्यूज़ / हेल्थ डेस्क : आप अगर पुरुष है तो ये खबर आपके लिए है। सबसे पहले ये बताएं कि क्या आप प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जानते है? नहीं जानते है तो ध्यान से बढ़े और समझे क्यों कि आपकी जिंदगी से बड़ी कोई चिज नहीं है जानकारी ही आपको या आपके घर में रह रहे लोगों का बचाएगा।जान कर हैरानी होगी कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पुरुषों में, प्रोस्टेट कैंसर सबसे आम कैंसर है और कैंसर से होने वाली मौतों के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। हर साल, 2,88,300 से अधिक नए मामले सामने आते हैं और 34,700 लोग प्रोस्टेट कैंसर से मर जाते हैं (2023 के अनुमान)। प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने की संभावना उम्र के साथ बढ़ती है और इनके लिए अधिक होती है।
जाने प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है
प्रोस्टेट कैंसर होने पर यूरिन पास करने में दिक्कत, पेशाब की धार कमजोर होना,पेशाब बार-बार होना, दर्द या जलन होना जैसे लक्षण प्रोस्टेट कैंसर के हो सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्लैंड से शुरू होता है, यह अंग केवल पुरुषों में पाया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है और इसके लक्षण दिखाई देने में सालों लग सकते हैं। इस तरह, विशेष रूप से क्योंकि यह वृद्ध पुरुषों में अक्सर होता है, ज़्यादातर पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर से मृत्यु होने की संभावना कम होती है। प्रोस्टेट कैंसर वाले कई पुरुष अन्य कारणों से मर जाते हैं, बिना यह जाने कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर है। हालांकि, कुछ प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बढ़ते हैं या प्रोस्टेट के बाहर फैल जाते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के कारण आमतौर पर तब तक कोई लक्षण पैदा नहीं होते, जब तक कि यह एडवांस स्टेज तक नहीं पहुँच जाता। कभी-कभी,मामूली प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) के जैसे लक्षण विकसित होते हैं, जिसमें पेशाब करने में कठिनाई और बार-बार या तत्काल पेशाब करने की ज़रूरत शामिल होती हैं। हालांकि, ये लक्षण तब तक विकसित नहीं होते, जब तक कि कैंसर इतना बड़ा न हो जाए कि यूरेथ्रा को संकुचित कर दे और पेशाब के बहाव को आंशिक रूप से अवरुद्ध कर दे। बाद में, प्रोस्टेट कैंसर से पेशाब में खून आ सकता है या पेशाब करने में अचानक परेशानी हो सकती है।
कुछ पुरुषों में, प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण इसके फैलने (मेटास्टेसाइज़) के बाद ही विकसित होते हैं। कैंसर फैलने से सबसे अधिक प्रभावित होने वाली जगहें हड्डियाँ हैं (आमतौर पर पेल्विक, पसलियाँ या वर्टीब्रा)। हड्डी वाला मेटास्टेसिस कष्टदायक होने लगता है और हड्डी को आसानी से फ्रैक्चर करने के लिए काफ़ी कमज़ोर कर सकता है। रीढ़ (वर्टीब्रा) की हड्डियों तक फैलाव स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करता है और दर्द, सुन्नता, कमज़ोरी या युरिनरी इनकॉन्टिनेन्स का कारण बन सकता है। कैंसर फैलने के बाद, एनीमिया आम होता है।
प्रोस्टेट हमारे मूत्रमार्ग से जुड़ा एक अहम हिस्सा है, जिसमें मौजूद कोशिकाओं में जब अवांछित वृद्धि होने लगती है, तो इसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है। आमतौर पर 50 साल की आयु के बाद पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर देखने को मिलता है।
आइए जानते हैं इससे जुड़ी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ कमियां।
- जो लोग ज्यादा मात्रा में फास्ट फूड्स का सेवन करते हैं, उन्हें प्रोस्टेट कैंसर की संभावना ज्यादा हो जाती है।अत्यधिक चीनी और तला-भुना खाने से शरीर में सूजन बढ़ता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।विशेष रूप से रेड मीट, अधिक मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थों को खाने से प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क बढ़ता है।
- धूम्रपान या शराब का सेवन आपको प्रोस्टेट कैंसर का मरीज बना सकती है। शराब और सिगरेट में मौजूद तत्व शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाते हैं।
- लंबे समय तक कंप्यूटर, टीवी या फोन के सामने बैठकर बिताने के कारण फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम हो गयी हैं। ऐसे में इसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ना और शरीर में अतिरिक्त फैट जमा होना संभव है, जो प्रोस्टेट कैंसर के लिए एक जोखिम फैक्टर होता है।
- तनाव से शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो इन्फ्लेमेशन और सूजन को बढ़ावा देता है, जिससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में कई बार पुरुषों में लंबे समय से चला आ रहा स्ट्रेस प्रोस्टेट कैंसर का कारण बनता है।
- धूम्रपान या शराब का सेवन आपको प्रोस्टेट कैंसर का मरीज बना सकती है। शराब और सिगरेट में मौजूद तत्व शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाते हैं।