तुलसी भवन में देश के कोने कोने से पहुंचे कवि और कवयित्रियों ने मचाया धमाल
जमशेदपुर : शहर की युवा कवयित्री अंकिता सिन्हा की तीसरी पुस्तक मेरी दुनियां मेरी मां का लोकार्पण एवम कवि सम्मेलन तुलसी भवन के मानस सभागार में आयोजन किया गया। सबसे पहले अतिथियों ने द्वीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। इसके बाद अंकिता सिन्हा ने अतिथियों को शॉल और बुके देकर सम्मानित किया। फिर स्वागत भाषण दिया। शकुंतला हिंदी साहित्य एवम सांस्कृतिक दर्पण के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में उद्घटनकर्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता सह भाजपा धनबाद जिला के संगठन प्रभारी अभय सिंह, मुख्य अतिथि में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार रांची के अवकाश प्राप्त रामप्रवेश प्रसाद है।
विशिष्ठ अतिथि में झारखण्ड सरकार महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कल्याणी शरण, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे, झारखंड आंदोलनकारी सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय नेता प्रमोद लाल, रांची से डॉ सुरेंद्र कौर नीलम, रेणुका झा रेनू, जमशेदपुर से डॉक्टर रागिनी भूषण, शंकरी देवी, तुलसी भवन के मानद महासचिव प्रसनजीत तिवारी आदि ने अपना वक्तव्य रखा। इस अवसर पर मुरादाबाद से आए देश के जाने माने हास्य एवं व्यंग कवि प्रवीण राही ने अपनी प्रस्तुति जैसे ही शुरू की तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सभागार गूंज उठा। उनके हास्य ग़ज़ल को श्रोताओं ने खूब पसंद किया
” उनकी नज़रे सीसीटीवी जैसी हैं
मेरी क्या सबकी हीं बीबी ऐसी हैं”
आरा बिहार से पधारे डॉक्टर प्रेमसागर पाण्डेय जी ने अपनी प्रस्तुति में कहा की बात करने की अब बात नही, बात करने की अब बात नही।
बात तो बहुत करनी है दिल की लेकिन को बात थी अब वो बात नही।। हरियाणा गुरुग्राम से पधारी चांदनी केसरवानी सुगंधा आंखों से जब गम का दरिया बहता है, जग को केवल खारा पानी दिखता है, ऐसे में जो आशु चुन मोती कर दे,इस धरती पर केवल मां की ममता है।
कवि और कवयित्री में डॉ रजनी शर्मा चंदा, चंद्रिका ठाकुर देशदीप, सरोज झारखंडी रामगढ़, प्रवीण राही मुरादाबाद, चांदनी केसरवानी सुगंधा गुरुग्राम,
प्रेम सागर पांडेय आरा बिहार, जमशेदपुर से माधवी उपाध्याय, संध्या सिन्हा, शोभा किरण शामिल है। संचालक सह जाने माने उद्घोषक उदय चंद्रवंशी ने कार्यक्रम में अपनी वाणी से चार चांद लगा दिया।