नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगी. बजट के करीब आने के साथ बजट प्रस्तुति के दौरान अक्सर उल्लेख किए जाने वाले वित्तीय शब्दों के बारे में आपने सुना होगा. आज हम उन शब्दों के बारे में जानते है।
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- वोट ऑफ अकाउंट–भारतीय संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत वोट ऑफ अकाउंट केंद्र सरकार को नया वित्तीय वर्ष शुरू होने तक अल्पकालिक खर्च को पूरा करने के लिए दिए जाने वाला एक अस्थायी ग्रांट है. इसे अंतरिम बजट भी कहा जाता है.
- कैपिटल एक्सपेंडिचर-कैपिटल एक्सपेंडिचर से मतलब मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं, शिक्षा और इसी तरह के बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के खर्च से है. इसमें जमीन और सरकारी निवेश जैसी फिक्स्ड एसेट को खरीदने के लिए खर्च भी शामिल हैं जो भविष्य में लाभ या लाभांश उत्पन्न करते हैं.
- रेवेन्यू एक्सपेंडिचर-रेवेन्यू एक्सपेंडिचर से मतलब उस पैसे से है जो सरकार अपने विभागों और सेवाओं के दैनिक संचालन पर खर्च करती है. इसमें लोन पर ब्याज भुगतान और सब्सिडी का प्रावधान भी शामिल है.
- फिस्कल डेफिक्ट–फिस्कल डेफिक्ट तब होता है जब सरकार का खर्च उसकी कुल आय से अधिक हो जाता है. अंतर को आमतौर पर उधार लेकर पूरा किया जाता है.
- रेवेन्यू अकाउंट-फिस्कल अकाउंट में बिजनेस या सरकारी लेनदेन के माध्यम से प्राप्त आय या राजस्व का रिकॉर्ड होता है.
- कैपिटल अकाउंट-कैपिटल और फाइनेंशियल अकाउंट के रूप में भी जाना जाता है, यह किसी अर्थव्यवस्था में निवेश के नेट फ्लो या आइटफ्लो को रिकॉर्ड करता है.
- जीडीपी–जीडीपी किसी देश में एक स्पेसिफिक पीरियड में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य का मानक माप है, जो इसकी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को दिखाता है.
- सेंट्रल प्लान आउटले-इसका मतलब नियोजित विकास उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों और मंत्रालयों के बीच फंड के आवंटन से है.
- प्लान एक्सपेंडिचर-बिजली उत्पादन, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, शिक्षा और अन्य उत्पादक क्षेत्रों जैसे विकासात्मक उद्देश्यों के लिए आवंटित फंड योजना खर्च के अंतर्गत आती हैं.
- नॉन-प्लान एक्सपेंडिचर–इसमें ब्याज भुगतान, लोन सेवा, रक्षा और सब्सिडी जैसी आवश्यक सेवाओं पर खर्च शामिल है.
- बीओपी (बैलेंस ऑफ पेमेंट)-बीओपी किसी देश द्वारा प्राप्त पैसे और बाहर जाने वाले पैसे के बीच के अंतर को मापता है. इसमें व्यापार, निवेश और वित्तीय ट्रांसफर से संबंधित लेनदेन शामिल हैं.
- कंसोलिडेटेड फंड-यह केंद्र सरकार का मुख्य खाता है, जहां उसे प्राप्त होने वाला सारा राजस्व जमा किया जाता है और सभी खर्च निकाले जाते हैं.
- कंटीजेंसी फंड-केंद्र सरकार द्वारा अप्रत्याशित और आपातकालीन खर्च को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक आरक्षित खाता
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