खूंटी: जिले में नशे की खेती के खिलाफ पुलिस पूरे एक्शन में नजर आ रही है. हर रोज 100 से 120 एकड़ में लगी अफीम के फसलों को ट्रेक्टर से रौंदकर उसे नष्ट करने में लगी है. साथ ही जीआर के आधार पर जमीन मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है. खेत में काम करने वाले किसानों को जेल भेज रही है. पुलिस पिछले दो दिनों के भीतर अफीम के खेत से 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
अफीम विनष्टीकरण अभियान के दौरान मंगलवार को पुलिस ने खेतों से 11 किसानों को गिरफ्तार किया है. जिसमें खूंटी सदर थाना क्षेत्र से पांडेया मुंडा, जीत उरांव और देवेंद्र पातर, मुरहू थाना क्षेत्र से सुरेंद्र नायक और जकरियस बोदरा, अड़की थाना क्षेत्र से बगराय मुंडा और सिरित तिडू तथा मारंगहादा थाना क्षेत्र से जोटो मुंडा, बोड़ा मुंडा, दसाय मुंडा और चमर सिंह टुटी शामिल हैं।
एसपी अमन कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अफीम विनष्टीकरण अभियान के बारे में बताया कि इस बार पुलिस पूरी तैयारी के साथ खेतों में जाकर फसलों को नष्ट कर रही है. एसपी ने कहा कि इस बार खेतों को संरक्षण देने वालों से लेकर खेतों में काम करने वालों के खिलाफ खूंटी पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर रही है. जिसका नतीजा है कि 60 गांवों के ग्रामीणों ने खुद से 500 एकड़ अफीम की फसल को नष्ट किया है. साथ ही पुलिस ने 3800 एकड़ में लगी फसलों को नष्ट किया है. यही नहीं 34 एफआईआर दर्ज की गई है और 38 लोगों को जेल भी भेजा जा चुका है।
एसपी अमन कुमार ने बताया कि अगले पंद्रह दिनों में विनष्टीकरण अभियान पहले से और तेज होगा. वर्तमान में प्रतिदिन 20 ट्रैक्टरों के माध्यम से अफीम की फसलों को विनष्ट किया जा रहा है. अफीम विनष्टीकरण में प्रतिदिन दो कंपनी से अधिक बल शामिल रहता है, जबकि पुलिस मुख्यालय से जिले को चार कंपनी से अधिक जवान मिले हैं. जंगल, पहाड़ एवं झाड़ियों से छिपे फसलों को ड्रोन से मैपिंग की जा रही है।
एसपी ने कहा कि खेतों से गिरफ्तार किसानों ने पुलिस को कई माफियाओं के बारे में खुलासा किया है. बयानों के अनुसार उन माफियाओं के सत्यापन किया जा रहा है. जल्द ही वैसे माफिया भी सलाखों के पीछे होंगे, जो किसानों से अफीम की खरीद फरोख्त करते रहे है. एसपी ने बताया कि जनजागरूकता अभियान में चॉकलेट अभियान की पहल की गई है. इस चॉकलेट अभियान से बाजारों से लेकर घर-घर संदेश पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में भी ये अभियान जारी रहेगी और खेती करने वाले किसान से लेकर जनप्रतिनिधियों पर पैनी नजर रहेगी।