RANCHI : अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्त करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेशों के उल्लंघन के आरोप में अवमानना याचिका दायर की गयी है. इसमें अनुराग गुप्ता को पद से हटाने और डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल लोगों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है. झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर अवमानना याचिका में पांच लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है.
इसमें मुख्यसचिव अलका तिवारी, गृह विभाग के प्रधान सचिव वंदना डाडेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा और पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा का नाम शामिल है. सुप्रीम कोर्ट में 24 फरवरी को इस अवमानना याचिका की सुनवाई की संभावना है. बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्त करने के दौरान प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर दिये गये फैसलों और दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया गया. अजय कुमार सिंह की पोस्टिंग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में लोकसेवा आयोग द्वारा तैयार पैनल के आधार पर की गयी थी, लेकिन उन्हें समय से पहले हटा दिया गया, ताकि इस पर रिक्ति दिखायी जा सके. पद से हटाने के क्रम में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया. अजय कुमार सिंह को पद से हटाने के बाद अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया.
अजय सिंह को पद से हटाने के बाद लोक सेवा आयोग को अधिकारियों की एक सूची भेजी गयी. इसमें अनुराग गुप्ता का नाम शामिल किया गया. राज्य में विधानसभा की घोषणा के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर अनुराग गुप्ता को पद से हटाया गया. चुनाव के बाद अनुराग गुप्ता को फिर डीजीपी के पद पर नियुक्त किया गया. याचिका में न्यायालय से यह अनुरोध किया गया है कि वह अनुराग गुप्ता को पद से हटाने का आदेश पारित करे. साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही करें.
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