रांची : सिविल कोर्ट रांची के अपर न्यायायुक्त अमित शेखर की अदालत ने सोमवार को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों रामचंद्र मुंडा, सुखलाल मुंडा और संजय टूटी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा, अदालत ने तीनों पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह मामला वर्ष 2021 में घटित हुआ था और अब इस पर अदालत का निर्णय आया है.
अदालत ने 7 फरवरी को तीनों अभियुक्तों को दोषी ठहराया था. इस मामले में सरकारी वकील एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने आरोपितों के खिलाफ सख्त तर्क प्रस्तुत किए, जिसके कारण उन्हें कठोर सजा मिली. सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि तीनों ने अत्यंत जघन्य अपराध किया है और इसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य भी मौजूद हैं. घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आरोपितों ने न केवल दुष्कर्म किया, बल्कि पीड़िता की हत्या के बाद उसके शव को जलाने का प्रयास किया.
20 फरवरी 2021 को दशम फॉल इलाके के जंगल से पुलिस ने एक अधजली महिला का शव बरामद किया. जांच में पता चला कि महिला के साथ पहले सामूहिक दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई. अपराधियों ने शव के साक्ष्य मिटाने के लिए उसे पेट्रोल छिड़क कर जलाया. मामले का खुलासा पुलिस ने पीड़िता के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से किया. पुलिस ने आरोपितों तक पहुंचने के लिए महिला के परिजनों से मदद ली और फिर जांच के दौरान अपराधियों को पकड़ा.
17 फरवरी 2021 को पीड़िता बुंडू बैंक से पैसा निकालने गई थी, लेकिन वहां से पैसा नहीं निकला. इसके बाद उसने आरोपितों लक्ष्मण मुंडा और सुखलाल मुंडा से दो हजार रुपये उधार मांगे. लक्ष्मण ने पैसे देने का वादा किया और पीड़िता को बाइक पर बैठाकर हेसापीढ़ी कोलाबुरू गांव स्थित जंगल में ले गया. वहां पहले से मौजूद राम मुंडा और संजय टूटी ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर हत्या कर दी. इसके बाद शव को गड्ढे में फेंक दिया और पेट्रोल से जला दिया.
पुलिस ने तत्परता से महिला के परिजनों से संपर्क किया और मोबाइल कॉल डिटेल की मदद से आरोपितों तक पहुंचने में सफलता पाई. मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया.
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