जमशेदपुर : वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया 2025 का बजट, जनता के लिए निराशा का कारण बनता हुआ दिखाई दे रहा है। युवा वर्ग, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इस बजट में अपनी उम्मीदों को ध्वस्त होते हुए देख रहा है।
2025 के बजट में युवाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। न तो रोजगार सृजन के लिए कोई विशेष योजना है और न ही शिक्षा और कौशल विकास के लिए पर्याप्त निवेश किया गया है। यह बजट युवा झारखंड के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि सरकार ने उनके लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया है।
सरकार का दावा है कि यह “समृद्धि और विकास” का बजट है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह स्पष्ट हो गया है कि युवाओं की समस्याओं और उनकी जरूरतों को नजर अंदाज किया गया है। बजट में कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में कुछ निवेश की घोषणा की गई है, लेकिन यह उन युवाओं के लिए अनुकूल नहीं है जो बेहतर रोजगार और समृद्ध भविष्य की तलाश में हैं।
सरकार का यह बजट दरअसल “अबुआ बजट” नहीं, बल्कि “बबुआ बजट” जैसा प्रतीत होता है, जिसमें युवा और उनके भविष्य के लिए कोई वास्तविक योजना नहीं है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि आगामी महीनों में युवा कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाए। युवा भारत अपने भविष्य को सुरक्षित देखना चाहता है, और यह बजट उसे निराश कर रहा है।
