मांडर : रांची-लोहरदगा रेलवे लाइन पर टांगरबसली रेलवे स्टेशन के पास रेल दुर्घटना के बाद तत्काल बचाव और राहत कार्य को लेकर रेलवे और एनडीआरएफ की टीम ने संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल किया। इस दौरान ट्रेन संख्या 00011 जो पिस्का से बड़कीचापी जा रही थी उसके पटरी से उतर जाने के कारण एक बोगी के दूसरे बोगी के ऊपर चढ़ने का सीन दिखाया गया। रेलवे के डीआरएम जसमित सिंह बिंद्रा ने बताया कि सोमवार दिन के तीन बजे उन्हें रेल के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलती है।
इसके बाद आधे घंटे के अंदर स्थानीय पदाधिकारी और चिकित्साकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में लग जाते हैं। जबकि रेलवे की टीम एक घंटे के अंदर ट्रेन के साथ जरूरी राहत और बचाव के सामान लेकर मौके पर पहुंचती है। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम इस हादसे में जो बोगी दूसरे बोगी के ऊपर चढ़ जाती है, वहां से सवारियों को किस प्रकार बाहर निकाला जाता है उस चीज का अभ्यास किया गया।
बजते रहे सायरन और होती रही अनाउंसमेंट
घटनास्थल पर लगातार सायरन बजते रहे और घायल लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस तक ले जाने की प्रक्रिया चलती रही। साथ ही हादसे में मरने वालों के नाम और घायलों को किस अस्पताल में भेजा जा रहा है इसे लेकर लगातार अनाउंसमेंट किया जाता रहा।
स्थानीय लोगों का जमावड़ा
रेलवे द्वारा आयोजित रेल हादसे की मॉक ड्रिल को देखने के लिए सैकड़ों लोग जमा हो गए थे। प्रशासन द्वारा लोगों की भीड़ रोकने के लिए बैरिकेडिंग का भी निर्माण किया गया था। साथ ही लगातार रेलवे द्वारा भीड़ को घटनास्थल से दूर रहने के लिए भी अनाउंसमेंट किया जा रहा था।
एडीआरएम हेमराज मीणा
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यदि कभी रेल दुर्घटना होती है तो राहत और बचाव कार्य के लिए बनाई गई विभिन्न एजेंसियां आपस में कितना बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए इस कार्य को सही तरीके से अंजाम दे सकती हैं।
