- स्वास्थ्य विभाग ने जानबूझकर जांच रिपोर्ट छुपाकर दोषियों को दिया संरक्षण
जमशेदपुर : पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने आयुष्मान घोटाले के पीछे झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग की संलिप्तता पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जानबूझकर सरकारी चिकित्सकों और निजी सूचीबद्ध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने आयुष्मान योजना के तहत फर्जी दावों के माध्यम से लाभ उठाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह द्वारा 3 अगस्त 2022 को भेजे गए पत्र में सरकारी चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर जांच की मांग की गई थी, लेकिन इस जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया.
- स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान घोटाले के दोषियों को छुपाने का किया प्रयास
सरयू राय ने खुलासा किया कि जांच रिपोर्ट में कई सरकारी चिकित्सकों के नाम सामने आए हैं जो दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बोकारो, हजारीबाग, रांची, पलामू, गोड्डा, जामताड़ा जैसे जिलों के चिकित्सक अपने पदस्थापन स्थान के अलावा अन्य जिलों के निजी अस्पतालों में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे. उन्होंने बताया कि एक डॉक्टर बोकारो में पदस्थापित है लेकिन वह रामगढ़ और हजारीबाग के निजी अस्पतालों में भी प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहा है. इसके अलावा, कई चिकित्सक ऐसे भी हैं जिन्होंने चार से अधिक निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस की है, जो दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.
- मृत मरीजों के फर्जी ऑपरेशन और मिलीभगत पर उठे सवाल
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड में बड़े पैमाने पर मृत मरीजों के ऑपरेशन किए गए हैं, जिनका खुलासा महालेखाकार के प्रतिवेदन में हुआ है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इन मृत मरीजों के ऑपरेशन सरकारी चिकित्सकों ने किए थे या फिर फर्जी बिलिंग के लिए बीमा कंपनियों के साथ मिलीभगत की गई थी. सरयू राय ने कहा कि आयुष्मान भारत कार्यालय ने ऐसे डॉक्टरों की सूची राज्य सरकार को भेजी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस सूची और जांच रिपोर्ट को दबा दिया. उन्होंने मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही जांच में आयुष्मान घोटाले के इस पहलू को भी शामिल किया जाए और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जाए.
- दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं, सरयू राय ने की कड़ी आलोचना
सरयू राय ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने दोषी चिकित्सकों और निजी अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान घोटाले के दोषियों को बचाने का कार्य किया है और जांच रिपोर्ट को दबाया है. विधायक ने मांग की कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाए और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए. उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे चिकित्सकों से पूछताछ नहीं की जिन्होंने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है और फर्जी दावों के लिए जिम्मेदार अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.