JAMSHEDPUR : जमशेदपुर के ADJ-2 न्यायालय में न्यायाधीश आभास वर्मा की अध्यक्षता में स्टील स्ट्रिप व्हील्स लिमिटेड (SSWL) बनाम मजदूर यूनियन प्रतिनिधि राजीव पांडे केस की सुनवाई हुई। यह मामला वर्ष 2016 की श्रमिक हड़ताल, मारपीट, तोड़फोड़ एवं आगजनी से जुड़ा है।
इस सुनवाई में अनुसंधानकर्ता (IO) दिलीप कुमार साव की गवाही के लिए तिथि निर्धारित थी, किन्तु उनके न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण कार्यवाही बाधित हुई। न्यायालय ने IO की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए उन्हें नोटिस भेजने के साथ-साथ चार व्यक्तियों के विरुद्ध जमानतीय वारंट तथा तीन अन्य के विरुद्ध सम्मन जारी किए हैं।
गवाह की गवाही पर मजदूर नेता द्वारा तीखी जिरह
इस बीच, मजदूर यूनियन के नेता राजीव पांडे ने स्वयं गवाह राजकमल तिवारी से तीखी जिरह की, जिसमें उन्होंने गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए। गवाह से बयान की आधिकारिकता, घटनास्थल की जानकारी, व्यक्तिगत संबंधों और श्रम आंदोलन की पृष्ठभूमि से जुड़े कई प्रश्न पूछे गए।
विशेष रूप से, वर्ष 2016 में SSWL के विरुद्ध हुए मजदूर आंदोलनों, श्रम कानून उल्लंघन और DLC व श्रम विभाग की भूमिका पर भी चर्चा हुई। पांडे ने दावा किया कि यह मामला केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि श्रमिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है।
न्यायपालिका पर विश्वास, अगली सुनवाई तय
राजीव पांडे ने कोर्ट में यह भी कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है और वे तथ्यों एवं सबूतों के आधार पर ही न्याय की अपेक्षा रखते हैं। कोर्ट ने IO की गवाही हेतु अगली तिथि निर्धारित कर दी है, और माना जा रहा है कि यह सुनवाई इस मुकदमे की दिशा को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकती है।
अंतिम निष्कर्ष
IO की अनुपस्थिति और वारंट/सम्मन जारी होने के साथ-साथ गवाह के बयान पर उठे सवाल इस केस को एक निर्णायक मोड़ पर ला चुके हैं। आगामी कार्यवाही में यह तय होगा कि गवाहों की विश्वसनीयता तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय किस दिशा में निर्णय लेता है : राजीव पाण्डेय, मजदूर प्रतिनिधि
