नई दिल्ली: दुनिया को कोरोना वायरस से पूरी तरह निजात नहीं मिली है। अब खबर कि भारत में नवंबर 2023 से ही कोरोना वायरस का नया वेरिएंट KP.2 सर्कुलेशन में है। इसे FLiRT निकनेम दिया गया है। खास बात है कि अमेरिका, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया में कोविड के बढ़ते मामलों के तार इस FLiRT वेरिएंट से जोड़े जा रहे हैं। इसके बारे में विस्तार से समझते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, KP.2 को JN.1 वेरिएंट का वंश कहा जारहा है। यह ओमिक्रॉन लाइनेज का सब वेरिएंट है, जिसमें नए म्यूटेशन्स हैं। इसे FLiRT नाम अक्षरों के आधार पर दिया गया है, जो दो इम्यून से बचने वाले म्यूटेशन को दिखाते हैं। ये म्यूटेशन्स वायरस को एंटीबॉडीज पर हमला करने देते हैं।
INSACOG की तरफ से की गई 250 KP.2 जीनोम सीक्वेंसिंग में 128 सीक्वेंस महाराष्ट्र में थे। कहा जा रहा है कि मार्च में सबसे ज्यादा KP.2 सीक्वेंसेज पाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक डेटा बताता है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा अनुपात में KP.2 सीक्वेंस रिपोर्ट कर रहा है। बीते 60 दिनों में GISAID में भारत की तरफ से अपलोड किए गए कुल डेटा में 29 फीसदी KP.2 का था। फिलहाल, भारत में JN.1 वेरिएंट का ही सबसे ज्यादा असर है। आंकड़े बता रहे हैं कि 14 मई को भारत में कोविड के 679 एक्टिव केस थे। FLiRT की खास बात है कि इसमें पिछले संक्रमण या वैक्सीन से मिली इम्युनिटी से बचने की क्षमता है। फिलहाल, जानकार इसपर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं, लेकिन कोई खास चिंता जाहिर नहीं कर रहे हैं। अखबार से बातचीत में अशोक यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के डीन डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया, ‘चिंता की कोई बात नहीं है’। उन्होंने कहा, ‘ऐसे म्यूटेशन पहले भी देखे गए हैं।’
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी CDC का कहना है कि ऐसे कोई भी संकेत नहीं है, जो बताएं कि KP.2 अन्य स्ट्रेन्स की तुलना में ज्यादा गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। अखबार से बातचीत में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टर राजेश चावला का कहना है कि इससे प्रभावित लोगों में स्वाद और सूंघने की शक्ति खत्म हो जाना, ठंड लगना, खांसी, खराश, नाक बंद या बहना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में परेशानी, थकान, जैसे लक्षण देखे गए हैं।