DHANBAD/ अमित कुमार : धनबाद का पुलिस महकमा। बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुबहानल्लाह।छोटे मियां के साथ एक रक्षक है रतन प्रजापति। ग्रामीण इलाके की लगाम,कमान या बागडोर पूरी तरह नव रत्न प्रजापति के हाथ में है।राजस्थानी चौधरी डाल डाल तो दस्यु रत्नाकर पात पात चलता है।ग्रामीण इलाकों के थानेदार पूरी तरह उसकी ग्रिप में रहते हैं।मवेशी,बालू,कोयला,लोहा करना है तो नीलम – पुखराज नामक रत्न का सहारा लेना बाध्यता है।लिहाजा रतन की माहवारी वसूली लाखों में है।चौधरी जी की जगमगाहट का राज रतन ही है। कोयलांचल के चप्पे चप्पे उसके मुखबिर हैं,रतन किसी कुशराइन से कम नहीं है। उससे कोख छुपाना असंभव है।रतन छोटे साहब की कृपा से मगन और मस्त रहता है।किसी भी पुलिसकर्मी को अपना दुर्दिन दूर करना हो तो वह रतन का सहारा लेता है। बस क्या है,चढ़ावा दो दर्द छूमंतर।
