- भारतीय कानून में अपराध दो प्रकार के होते हैं संज्ञेय अपराध एवं असंज्ञेय अपराध।
लोकतंत्र सवेरा न्यूज़:-संज्ञेय अपराध:- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1) छ एवं CrPC की धारा 2(ग) में संज्ञेय अपराध के बारे मे बताया गया है कि ऐसे अपराध जो गंभीर प्रवर्ती के होते है और पुलिस बिना वारंट के किसी भी आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है वह संज्ञेय अपराध होते है।
असंज्ञेय अपराध:- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1)ण एवं CrPC की धारा 2(ठ) में बताया गया है कि ऐसे अपराध जो गंभीर श्रेणी के नहीं है एवं पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है उसे असंज्ञेय अपराध कहते है।
क्या है Non Congnizable Report (NCR) जानिए:-
जब किसी पुलिस अधिकारी के पास कोई व्यक्ति असंज्ञेय अपराध की शिकायत लेकर आता है तब थाने का प्रभारी उस असंज्ञेय अपराध पर तुरंत कार्यवाही नहीं करेगा। उस शिकायत को अपने पास रखे एक रजिस्टर में लिख लेगा एवं पीड़ित व्यक्ति की असंज्ञेय अपराध की रिपोर्ट को संबधित मजिस्ट्रेट के पास भेज देगा। इसी रिपोर्ट को NCR (Non-Congnizable Riport) कहते हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 174 एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 155 की परिभाषा
किसी भी असंज्ञेय अपराध की शिकायत को पुलिस थाना अधिकारी आपने रजिस्टर में पंजी-बध्य करेगा एवं उस रिपोर्ट को मजिस्ट्रेट के पास भेज देगा एवं शिकायतकर्ता को भी संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने को बोलेगा।
किसी भी NCR रिपोर्ट पर पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के कोई अन्वेषण, कार्यवाही शुरू नहीं करेगा, मजिस्ट्रेट की आज्ञा के बाद ही पुलिस अधिकारी कोई कार्यवाही कर सकता है।
पुलिस अधिकारी के पास अगर कोई शिकायतकर्ता ऐसा आता है जिसका एक अपराध संज्ञेय हो और दूसरा अपराध असंज्ञेय तब पुलिस अधिकारी ऐसे मामले में अन्वेषण एवं कार्यवाही करने की शक्ति रखता है।
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