SHARDA SINHA DEATH: सिर्फ 72 साल की उम्र में मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कर दिया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर पोस्ट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया, “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया है. मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।
शारदा सिन्हा के पति का हाल ही में ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था। इसके बाद से उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी थी। साल 2018 में शारदा सिन्हा को कैंसर मल्टीसपल मायलोमा बीमारी का पता लगा था। बीते दिनों उन्हें बोन मैरो कैंसर डिटेक्ट हुआ था। जिसके बाद उनका इलाज AIIMS के अंकोलॉजी मेडिकल डिपार्टमेंट में चल रहा था। आइए जानते हैं क्या होता है मल्टीपल मायलोमा की बीमारी, यह कितनी खतरनाक है।
मायलोमा या मल्टीमपल मायलोमा एक तरह का ब्लखड कैंसर है, जिसे बी सेल मेलिग्नेंासी भी बोलते हैं. यह हमारे शरीर की ब्लएड सेल्स और बोन मैरो को प्रभावित करता है. इसमें बी सेल्सो एब्लेनॉर्मल फंक्शान शुरू कर देते हैं. जिन भी मरीजों में ये डायग्नोास होता है उन लोगों को अक्सेर कमर में दर्द या बैक पेन रहता है।
- कमर की हड्डी में दर्द, खासतौर पर स्पााइन, हिप्स या सीने में दर्द और इन्फेलक्शकन
- कब्जक
- उल्टी
- भूख खत्म होना
- मेंटल फॉग या कन्फ्यू जन
- थकान
- वजन घटना
क्या है मल्टीपल मायलोमा बीमारी?
मल्टीपल मायलोमा एक तरह का ब्लड कैंसर है, जो बोन मैरो में प्लाज्मा कोशिकाओं में विकसित होता है। प्लाज्मा कोशिका आपकी हड्डियों के केंद्र में नरम, स्पंजी ऊतक है। स्वस्थ अस्थि मज्जा में, सामान्य प्लाज्मा कोशिकाएं आपके शरीर को संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबॉडी बनाती हैं। मल्टीपल मायलोमा कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती हैं, जो अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, जिससे संक्रमण से लड़ने में मदद करने वाली सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।
कुछ दिनों पहले डिटेक्ट हुआ था बोन मैरो कैंसर
कुछ दिन पहले बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को बोन मैरो कैंसर डिटेक्ट हुआ था, जिसके चलते उनका इलाज दिल्ली एम्स के अंकोलॉजी मेडिकल डिपार्टमेंट में चल रहा था। आज के समय में कई सेलेब्रिटी कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। हाल ही खबरे सामने आई थीं कि हिना खान भी ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे हैं। वहीं, कई बॉलीवुड सेलेब्रिटी की कैंसर के चलते मौत भी हुई है। ऐसे में लोगों को कैंसर से प्रति थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि अधिकतर मामलों में लास्ट स्टेज में कैंसर का पता चलने की वजह से समय पर इलाज शुरू नहीं होता है, जिसकी वजह से मौत होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कैंसर का जल्दी कैसे पता करें, इसके जांच और बचाव के क्या हैं उपाय?
कैंसर का जल्दी कैसे करें पता?
कैंसर का समय पर पता करने के लिए आपको अपने शरीर में होने वाले बदलावों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके शुरुआती लक्षणों को जानकर आप समय पर आसानी से इलाज शुरू करा सकते हैं। आइए जानते हैं कैंसर के शुरुआती आम लक्षण क्या हैं?
- कैंसर के किसी भी प्रकार में आपका वजन तेजी से गिरने लगता है।
- बीच-बीच में मरीजों को कई बार बुखार भी आ सकता है।
- भूख में कमी भी कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकती है।
- हड्डियों में दर्द
- खांसी या मूंह से खून आना, इत्यादि।
इस तरह के सामान्य लक्षण लगभग हर तरह के कैंसर में दिखाई दे सकता है। इसपर ध्यान देकर आप कैंसर का समय पर पता लगा सकते हैं। इसके अलावा कुछ जरूरी जांच के जरिए भी कैंसर का पता लगया जा सकता है।