चाईबासा : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं कोल्हान विश्विद्यालय, चाईबासा के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय सभागार में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ”जनजातीय नायकों के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। बता दें कि आयोग द्वारा इस विषय पर देशभर में 125 विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में कोल्हान विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. गंगाधर पण्डा की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित प्रो. अंजिला गुप्ता, कुलपति, जमशेदपुर महिला विश्विद्यालय ने कहा कि अगर हम स्वतंत्रता संग्राम की कड़ियों को देखें तो यह महसूस होगा कि जनजातीय समाज ने देश की आजादी के लिए बहुत योगदान दिया है। जनजाति समाज का अच्छी तरह से अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रों को शोध करना चाहिए। जनजाति समाज के प्रति हर समाज को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग कि सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग प्रारंभिक चरण में तीन विषयों पर काम कर रहा है। पहला अस्मिता, जनजाति समुदाय के महापुरुषों की पहचान का संरक्षण, संस्कृति के लिए लेखन और सामाजिक व्यवस्था और बलिदान के बारे में सीखना है। दूसरा संविधान में जनजाति समाज को प्राथमिकता दिए गए विभिन्न अधिकारों और संस्कृति के संरक्षण का अध्ययन करना है जबकि तीसरा आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि विकास की योजनाओं से जनजातीय समाज को अधिकतम लाभ दिलवाया जा सके।
वक्ता प्रधान बिरुआ ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज के नायकों के योगदान और बलिदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सेनानियों के साथ-साथ आदिवासी समाज ने हर जगह कर्तव्य की भावना से योगदान दिया है। बिरसा मुंडा,पोटो हो से लेकर अल्लूरी सीताराम राजू तक, कई प्रसिद्ध और गुमनाम नायकों ने राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर अपने प्राणों की आहुति दी। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा बनाई गई वीडीयो से आयोग को भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों, कर्तव्यों तथा आयोग के द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों के विषय में जानकारी प्रदान कि गई।
मंच पर संबोधन कुलपति प्रोफ़ेसर गंगाधर पंडा, प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने जनजाति नायकों के संबंध में विभिन्न बातों को लेकर काफी अहम सुझाव के साथ अपनी बातें रखी कार्यक्रम का शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं विश्वविद्यालय का कुलगीत से हुआ स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग कोल्हन विश्वविद्यालय चाईबासा एवं इस कार्यक्रम के शैक्षणिक संयोजिका डॉ अर्चना सिन्हा ने मंच का संचालन किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव सह कार्यक्रम के प्रशासनिक संयोजक प्रोफेसर जयंत शेखर ने दिया इस कार्यक्रम सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से कोल्हान विश्वविद्यालय के लिए नियुक्त संयोजक श्री सूरा बिरूली जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के हो प्राध्यापक डॉक्टर बसंत चाकी, संताली प्राध्यापक श्री निशान हेंब्रोम, कंप्यूटर सहायक श्री कन्हैया कुमार क्लाउड रूम के सभी कंप्यूटर चालक विश्वविद्यालय के केयरटेकर श्री राजेंद्र मोहंती दामोदर एवं विभाग के विद्यार्थियों का अहम योगदान रहा इस कार्यक्रम में स्थानीय जनजातीय समाज के विद्वान गण उपस्थित रहे विभिन्न महाविद्यालयों से आए छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे इस कार्यक्रम में अनुसूचित जनजाति आयोग कि ओर से जनजाति नायकों का प्रदर्शनी लगाई गई थी।