जमशेदपुर : संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा जी का 185वां जयंती के शुभ अवसर पर टाटा मोटर्स वर्कस यूनियन द्वारा हर साल की भाति इस साल भी विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. पिछले बार रिकॉर्ड तोड़ 1772 यूनिट संग्रह हुवा जो एक कीर्तिमान है और इस बार उस कीर्तिमान को पार कर आगे अग्रसर है और एक नया कीर्तिमान स्थापित होने जा रहा है जो जमशेदपुर ही नही पुरे भारतवर्ष मे एक लैंडमार्क छोड़ जाएगी. यूनियन के इस सरहनीय पहल को लोग 3 मार्च एक पर्व की तरह मनाते है और इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है | कार्यक्रम मे मुझे शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुवा जिसमे झारखण्ड सरकार के मंत्री महोदय, सांसद से लेकर शहर के गणमान्य लोग, समाजसेवी, बुद्धिजीवी हर वर्ग के लोग शामिल होकर इसको सफल बनाते है. एक पारसी परिवार में जन्मे जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की पहली संतान और इकलौते पुत्र थे। एलफिन्स्टन कॉलेज, बॉम्बे (अब मुंबई) से स्नातक होने के बाद, 1858 में, वह अपने पिता की निर्यात-व्यापारिक फर्म में शामिल हो गए और जापान, चीन, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसकी शाखाएँ स्थापित करने में मदद की ।
जमशेदजी टाटा द्वारा 1868 में टाटा समूह की स्थापना के बाद से यह एक ऐसा संगठन बन गया है जो देश के विकास में योगदान देता रहता है। इसने हमें उद्योग, कॉलेज दिए हैं और देश में विश्व-प्रसिद्ध ब्रांड लाए हैं। आज टाटा ग्रुप दुनिया के 140 से भी अधिक देशों फैला हुआ है।
समूह का 65.8% भाग पर टाटा के Charitable Trust का मालिकाना हक है. टाटा समूह छह महाद्वीपों के 140 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। 1868 में जमशेदजी ने एक व्यापारिक कंपनी की स्थापना की जो बाद में टाटा समूह के रूप में विकसित हुई. टाटा परिवार भारत में तकनीकी शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान का शायद सबसे महत्वपूर्ण निजी धनदाता बन गया।
उनको श्रद्धांजलि दिया गया इस मौक़े पर मुख्यरुप से टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष गुरमीत सिंह, महामंत्री आर के सिंह, भारतीय मनावाधिकार एसोसिएशन के कोल्हान सचिव सह झामुमो नेता सैयद मुजफ्फरूल हक़, यूनियन के वाईस प्रेजिडेंट मनोज कुमार, यूनियन के कमिटी मेंबर सह समाजसेवी सैयद मनोवर गोविंदपुर पंचायत वार्ड सदस्य सह झामुमो नेता बिमलेश कुमार, कमिटी मेंबर चंद्रकांत, गौरव आदि मौजूद रहे।