जमशेदपुर : बागबेड़ा के रहने वाले सेना के हवलदार सूरज राय को जेल भेजने का मामला जुगसलाई थाना पुलिस के गले की फांस बन गया है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। एक तरफ जहां डीजीपी ने डीआईजी मनोज रतन चौथे को घटना का अनुसंधान करने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। तो दूसरी तरफ आईजी अखिलेश झा भी घटना की जांच करने बुधवार को बागबेड़ा पहुंचे। आईजी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। यह देखा कि घटनास्थल किस थाना क्षेत्र में है।
सेना के हवलदार के परिजनों का नोट किया गया बयान
आईजी अखिलेश झा ने सूरज राय और विजय राय के परिजनों का बयान भी लिया। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। यह देखा गया कि घटना वाले दिन क्या हुआ था। घटनास्थल के आसपास रहने वालों से भी पूछताछ की गई है। आईजी अखिलेश झा ने घटनास्थल पर जांच करने के बाद जुगसलाई थाना जाकर पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ की। थाना प्रभारी सचिन कुमार से लगभग 1 घंटे तक पूछताछ की गई। इस दौरान एसएसपी किशोर कौशल और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।
मामले में फंसती नजर आ रही जुगसलाई थाना पुलिस
गौरतलब है कि सेना के जवान को जेल भेजने के मामले में जुगसलाई थाना पुलिस फंसती नजर आ रही है। इस घटना के बाद जो सवाल उभर रहे हैं पुलिस के पास उनका कोई जवाब नहीं है। नियमों के अनुसार सैनिक पर कार्रवाई से पहले आर्मी के बड़े अधिकारियों को सूचना दी जानी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी सैनिक को इस तरह जेल ना भेजा जाए। अगर किसी सैनिक ने कोई अपराध किया है तो उसे नजदीक की आर्मी यूनिट को सौंपा जाए। गौरतलब है कि बागबेड़ा के रहने वाले सेना के जवान सूरज राय कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात हैं। वह छुट्टी पर घर आए हुए थे।
नियमों का नहीं किया गया था पालन
14 मार्च को उनके चचेरे भाई विजय राय से जुगसलाई थाने की गाड़ी चलाने वाले एक ड्राइवर से कहा सुनी हुई। इसके बाद जुगसलाई थाना पुलिस ने विजय राय को थाने बुलाया। सूरज राय भी उनके साथ मामला समझने के लिए गए थे। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने सूरज राय का परिचय जानते ही उनके साथ अभद्रता की। उनके साथ मारपीट की और फिर दोनों को गंभीर धारा लगाते हुए जेल भेज दिया। पुलिस ने सूरज राय और विजय राय के ऊपर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया। जबकि, इस मामले में कोई घायल नहीं हुआ था। कोर्ट में पुलिस की दलील नहीं चल पाई और अदालत ने सूरज राय और विजय राय को जमानत दे दी। अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सेना के ब्रिगेडियर भी इस मामले में जमशेदपुर आए थे और उन्होंने अपने तरीके से मामले की जांच की। उन्होंने एसएसपी किशोर कौशल से मिलकर मामले की जांच करने और दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की बात भी कही थी।