जमशेदपुर। भाजपा झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने गुरुवार को माननीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान कुणाल षाड़ंगी ने पड़े पुर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी में बंद पड़े सुरदा, चापड़ी और केंदाडीह खदानों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया। कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि कभी हिंदुस्तान कापर लिमिटेड (एचसीएल) की शान में शुमार झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के मउभंडार स्थित इंडियन कापर काम्पलेक्स (आइसीसी) युनिट आज वीरान है। आइसीसी क्षेत्र की तमाम कापर माइंस फिलहाल बंद हो गयी है। जिसमें एकमात्र चलने वाली सुरदा माइस में भी कार्य बंद है। एचसीएल की पूर्वी सिंहभूम जिले में चापड़ी, राखा, सुरदा, केंदाडीह, पाथरगोड़ा व धोबनी माइंस है। राखा-चापड़ी खदान दोबारा शुरू करने को लेकर भूमिपूजन हो चुका है। लेकिन कार्य अभी भी अधर में पड़ा है। इसके साथ ही, एक कॉनसन्ट्रेशन प्लांट टेंडर नही होने के कारण बंद पड़ी है। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने आग्रह करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार झारखंड सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर बंद पड़े खदानों को दोबारा खोलने की दिशा में शीघ्र पहल करें। जिस कारण से भी खदान नही खुले हैं, उन सभी पहलुओं पर केंद्र सरकार झारखंड सरकार के साथ मिलकर जरूरी समीक्षा कर इस दिशा में पहल करे। जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के साथ क्षेत्र का समुचित विकास हो सके। कुणाल षाड़ंगी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को बताया कि हाल में ही हिंदुस्तान कापर लिमिटेड ने अपना 57वां स्थापना दिवस मनाया। परंतु खदानों के वर्षों से बंद होने के कारण लोगों में उत्साह नही है। तो वहीं, इंडियन कापर काम्पलेक्स (आइसीसी) के भविष्य को लेकर भी लोग चिंतित हैं। खदान के बंद होने से स्थानीय स्तर पर सैंकड़ों परिवार तबाह और हज़ारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। इससे लोगों को प्रतिदिन कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि मुसाबनी में खदानों की बंदी के बाद लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट आ गया है। रोजगार जाने से बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन कर लिया। क्षेत्र का विकास कार्य ठप होने के साथ, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, स्वच्छता समेत सभी सुविधाएं प्रभावित हो गयीं है। वहीं, खदान बंद होने से क्षेत्र में माइंस मिडिल स्कूल, माइंस हाई स्कूल, सुरदा माइंस मिडिल एवं हाई स्कूल को एचसीएल ने बंद कर दिया। मुसाबनी माइंस मिडिल स्कूल में तेलगु, तमिल, ओडिया, बांग्ला, उर्दू, हिंदी, अग्रेजी समेत करीब आधा दर्जन से अधिक भाषाओं की पढ़ाई होती थी। सुरदा माइंस स्कूल अब खंडहर में तब्दील हो गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सभी बातों को गंभीरतापूर्वक सुनने के बाद इन मुद्दों पर समीक्षा और अध्ययन के बाद उचित पहल का आश्वासन दिया।