- मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन की दिशा में जिले को स्वावलंबी बनाने पर किया गया विमर्श
- प्रखंड स्तर पर ज्यादा से ज्यादा सहकारी समितियों का गठन कर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित करने का दिया गया निर्देश
जमशेदपुर : समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला सहकारिता विकास समिति अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में सहाकारिता विभागीय योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई। बैठक में गोदाम एवं कोल्ड निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने, सहकारी समितियों का गठन, झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना, लैंपसों को जन औषधि केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने तथा अन्य विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर चर्चा की गई तथा पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
गौरतलब है कि पूर्वी सिंहभूम जिला को वित्तीय वर्ष 2024-25 में लैम्पसों में 100 M.T गोदाम के निर्माण हेतु 63 तथा 500 M.T का गोदाम हेतु 8 गोदाम के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त है वहीं 5 M.T कोल्ड रूम का भी निर्माण किया जाना है। उपायुक्त द्वारा जमीन की उपलब्धता हेतु अपर उपायुक्त एवं सभी अंचलाधिकारी को समन्वय स्थापित कर कार्य को प्रगति में लाने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंडों में ज्यादा से ज्यादा मत्स्यजीवी सहयोग समित्ति एवं दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों के गठन का निर्देश दिया गया ताकि कृषकों एवं पशुपालकों को पारंपरिक खेती से अलग आय के दूसरे स्रोत का माध्यम उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में लैम्पसों को प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र के रूप में विकसित करने पर चर्चा की गई। प्रथम फेज में बहरागोड़ा लैम्पस का चयन उक्त हेतु किया गया है तथा सभी प्रक्रियायें पूरी की जा रही हैं। लैम्पसों का कंप्यूटरीकरण भी किया जा रहा है, तत्पश्चात लैम्पस संचालकों को उर्वरक लाइसेंस दिया जाना है ताकि उर्वरक की खरीद-बिक्री कर वे आर्थिक उन्नति कर पायें। ऐसे 45 लाइसेंस जिला में चिन्हित किए गए हैं जिन्हें उर्वरक लाइसेंस दिया जाएगा। उक्त को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी को मिशन मोड में कार्य करते हुए उर्वरक लाइसेंस उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी करने का निदेश दिया गया।
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि जिले में National Co-operative Consumers Federation of India ltd. (NCCF) से लैम्पसों को सम्बद्ध करने का अभियान चलाया जा रहै है जिसमें वर्तमान में 47 लैम्पसों ने रिज्सट्रेशन की प्रकिया पूरी कर ली है। बैठक में पंचायत भवन में लैम्पस को एक कमरा उपलब्ध कराने, प्रखण्ड मुख्यालय में फल-सब्जी विपणन हेतु रिटेल आउटलेट निर्माण हेतु जमीन की उपलब्धता, झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना (JRFRY), संयुक्त सहकारिता भवन निर्माण के संबंध में चर्चा की गई तथा संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।
बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी श्रीमती आशा टोप्पो, जिला कृषि पदाधिकारी दीपक कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ सुरेन्द्र कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमती अल्का पन्ना, सहायक निबंधक सहयोग समितियां तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।